महाकुंभ : दूसरा अमृत स्नान संपन्न, मौनी अमावस्या पर सभी 13 अखाड़ों ने सादगी के साथ त्रिवेणी में लगाई पुण्य डुबकी

29 Jan, 2025 7:44 PM
Prayagraj: A drone captures an aerial view of the massive crowd and traffic congestion on a bridge during the Maha Kumbh Mela 2025, with devotees gathering on the riverbanks for holy rituals, in Prayagraj, on Wednesday, January 29, 2025. (Photo: IANS)
महाकुंभ नगर, 29 जनवरी (आईएएनएस): । प्रयागराज महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान पर्व संपन्न हो गया। मौनी अमावस्या अमृत स्नान पर्व पर घटी घटना के बाद अखाड़ों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान करने का अवसर दिया और बाद में सांकेतिक रूप से अमृत स्नान किया।

त्रिवेणी के तट पर लगे आस्था के महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान पर्व संपन्न हो गया। प्रशासन के मुताबिक मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व पर शाम 6 बजे तक करोड़ों लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई। महाकुंभ में घटी घटना के बाद अखाड़ों के संतों ने संवेदनशीलता दिखाई।

यह पहला मौका था जब साधु-संतों, नागा संन्यासी और अखाड़ों ने संगम में ऐतिहासिक प्रथम स्नान की प्रतिज्ञा तोड़ दी। परिस्थिति को देखते हुए अखाड़ों ने अपने ब्रह्म मुहूर्त के अमृत स्नान को स्थगित कर दिया और श्रद्धालुओं को पहले स्नान का अवसर दिया।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि सर्वसम्मति से सभी अखाड़ों ने निर्णय लिया कि हालात को देखते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान का अवसर दिया जाए। स्थिति सामान्य होने पर अखाड़ों ने अपनी भव्य अमृत स्नान की परंपरा का त्याग कर दिया और सांकेतिक रूप से स्नान कर परंपरा का निर्वहन किया।

प्रयागराज महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान में मौनी अमावस्या पर देश के तीन पीठों के शंकराचार्यों ने भी त्रिवेणी के संगम में डुबकी लगाई। शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की।

श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मौनी अमावस्या अमृत स्नान पर्व पर त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई।

तीनों पीठों के शंकराचार्य मोटर बोट के माध्यम से त्रिवेणी संगम पहुंचे, जहां पूरे धार्मिक विधि-विधान से तीनों ने पुण्य की डुबकी लगाई और देश की जनता के कल्याण के लिए आशीष दिया।

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