उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने झारखंड के हक-अधिकार लिए आवाज उठाई तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। भाजपा हमें रोकने की चाहे जितनी कोशिश कर ले, मगर झारखंडियों के अधिकार व मान-सम्मान की लड़ाई रुकने वाली नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में जो आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के नेता हैं, वह कभी झारखंड के जमीनी मुद्दों की बात नहीं करते। चुनाव की कमान उन्होंने बाहरी नेताओं के हाथों में सौंप दी है। भाजपा का काम समाज को सिर्फ आपस में लड़ाने भर का रह गया है।
राज्य की मौजूदा सरकार के कामकाज और उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कल्पना सोरेन ने, “हेमंत सोरेन सरकार ने हजारों लोगों का बिजली बिल माफ किया, मइया सम्मान, पेंशन, मुफ्त राशन, और विदेश में पढ़ाई के लिए विशेष योजनाओं को लागू कर झारखंड की जनता को राहत दी है। हेमंत सोरेन एकमात्र नेता हैं, जो झारखंड के लोगों की तकलीफों में उनके साथ खड़े हैं।”
उन्होंने कहा, ‘आज हम अपनी पहचान और भाषा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारी मातृभाषा और संस्कृति से अनभिज्ञ लोग, जो बाहर से आकर यहां प्रचार कर रहे हैं, झारखंड के असली मुद्दों से पूरी तरह कटे हुए हैं।”
कल्पना सोरेन ने भाजपा की कथनी और करनी पर भी सवाल उठाए और कहा कि वह केवल खोखले वादों और दिखावे की राजनीति में विश्वास करती है।