नीति आयोग की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, इस कैंपेन के तहत लंबित मामलों के निपटान, पर्यावरण और सरकारी बुनियादे ढांचे को स्वच्छ और हरित बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह स्पेशल कैंपेन दो अलग-अलग चरणों में चला। पहला चरण 16-30 सितंबर तक चला। इसमें नीति आयोग ने समीक्षा के लिए 10389 फाइलें, 5 लंबित लोक शिकायत याचिकाएं, 12 संसदीय आश्वासन, 1 पीएमओ संदर्भ, 1 राज्य सरकार संदर्भ, स्वच्छता और बेहतर स्थान प्रबंधन के लिए कार्यालय स्थानों की पहचान की।
इसके बाद ये सभी मामले चरण दो में 2 से 31 अक्टूबर तक स्पेशल कैंपेन के दौरान निपटान के लिए तैयार किए गए। दूसरे चरण में नीति आयोग ने पांच लंबित लोक शिकायत याचिकाओं, पीएमओ और राज्य सरकार के 1-1 संदर्भों और 3 संसदीय आश्वासनों का सफलतापूर्वक निपटारा किया। कुल 10389 फाइलों की समीक्षा की गई। इनमें से 720 फाइलों की पहचान छंटनी के लिए की गई। इसके अलावा, कार्यालय स्थलों, बाहरी परिसरों, रिकॉर्ड रूम और विभागीय कैंटीन में सफाई की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, फाइलों के निपटान और कार्यालय स्थान प्रबंधन में सुधार के माध्यम से लगभग 1956 वर्ग फुट जगह खाली की गई। इससे कार्यस्थल और आसपास का वातावरण पर्यावरण के अधिक अनुकूल हो गया। इस कैंपेन को नीति आयोग में 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 द्वारा अलग-अलग गतिविधियों के जरिए आगे बढ़ाया गया।
नीति आयोग में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण किया गया। इसमें फाइल समीक्षा, पुराने रिकॉर्डों की छंटाई और डिजिटलीकरण तथा स्क्रैप के निपटान पर जोर दिया गया। इसके अलावा, नीति आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया गया और कार्यालय परिसर को स्वच्छ किया गया।
कैंपेन के तहत नीति आयोग की विभागीय कैंटीन की सफाई की गई। इसके अलावा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने आयोग के कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।
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