इसी के अनुसार ही आबादी की जमीन का निर्धारण किया जाएगा। क्योंकि प्राधिकरण ने इसी साल अक्टूबर में न्यू नोएडा की अधिसूचित करीब 209 वर्ग किमी के एरिया में निर्माण पर रोक लगा दी है। प्राधिकरण ने बताया कि न्यू नोएडा के पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसके लिए 1000 करोड़ रुपये रिजर्व किए गए हैं।
अधिग्रहण की प्रक्रिया बुलंदशहर की ओर से की जाएगी। न्यू नोएडा के लिए बुलंदशहर के ही अधिकांश गांव हैं। इसके लिए वहां के प्रशासन से बातचीत की जा रही है। जितने किसानों से आपसी सहमति के आधार पर बात होती जाएगी, उतना पैसा प्राधिकरण अपनी ओर से बुलंदशहर प्रशासन को देता रहेगा। एक साथ 1000 करोड़ रुपये नहीं दिए जाएंगे।
विचार ये भी किया जा रहा है कि यदि फेज-1 में फेज-2 की जमीन भी है, तो उसका अधिग्रहण भी किया जाए, ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो। हालांकि इसको लेकर शासन स्तर पर बातचीत की जाएगी। ये अधिग्रहण सेटेलाइट इमेज के आधार पर होगा। इसी इमेज पर ही विकास के नक्शों को सुपर इंपोज किया जाएगा। इसके बाद फाइल ड्राइंग तैयार होगी। इससे यहां डेवलपमेंट के काम शुरू किए जाएंगे।
न्यू नोएडा 209.11 वर्ग किमी में, यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण को शासन स्तर पर गाइडलाइन जारी की जाएगी।