शोध में महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि कम उम्र में या 20 मिनट तक पैदल चलने जैसी मध्यम गतिविधि से इसके प्रभावों को कम नहीं किया जा सकता। इसके बजाय, प्रतिदिन 30 मिनट तक दौड़ने या साइकिल चलाने जैसी गतिविधि से मदद तो मिल सकती है, मगर पूरी तरह से नहीं।
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर में मनोविज्ञान और तंत्रिका विज्ञान विभाग में प्रोफेसर चंद्रा रेनॉल्ड्स ने कहा कि "दिन भर कम बैठना, अधिक व्यायाम करना या दोनों का ही समय से पहले बूढ़ा होने के जोखिम को कम कर सकता है।''
टीम ने 33 वर्ष की औसत आयु वाले 1,000 से अधिक लोगों को शोध में शामिल किया। इसके साथ ही इसमें 730 जुड़वां बच्चों को शामिल किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि लंबे समय तक बैठे रहने से युवा वयस्कों के कोलेस्ट्रॉल और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) पर क्या प्रभाव पड़ता है।
प्रतिभागियों ने प्रतिदिन 9 घंटे बैठे रहने का रिकॉर्ड बनाया, जबकि 80 से 160 मिनट के बीच मध्यम शारीरिक गतिविधि की।
पीएलओएस वन पत्रिका में प्रकाशित परिणामों में कहा गया है कि "जितना अधिक कोई बैठता है, उतना ही बूढ़ा दिखता है।''
इसके अलावा टीम ने कहा कि जो युवा वयस्क बिना कोई व्यायाम किए दिन में प्रतिदिन 8.5 घंटे बैठते हैं उनमें हृदय और चयापचय संबंधी बीमारियों जोखिम हाेता है।
रेनॉल्ड्स ने कहा, "काम के बाद थोड़ी देर टहलना पर्याप्त नहीं हो सकता है।
शोध में कहा गया दूसरी ओर जो लोग प्रतिदिन 30 मिनट तक दौड़ने या साइकिल चलाने जैसे जोरदार व्यायाम करते हैं, उनका कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई माप 5 से 10 साल छोटे व्यक्तियों जैसा दिखता है। हालांकि यह भी पर्याप्त नहीं है।
शोधकर्ताओं ने काम के बीच में ब्रेक लेकर काम करने की सलाह दी है।