कार्टी ने 114 गेंदों पर 15 चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 128 रन की अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय शतकीय पारी खेली, जिसकी बदौलत वेस्टइंडीज ने सात ओवर शेष रहते इंग्लैंड के 263/8 के स्कोर को सफलतापूर्वक पार कर लिया।
कार्टी की यह पारी वेस्टइंडीज के लिए उनकी 50वीं अंतरराष्ट्रीय पारी थी और उन्होंने इस अवसर का पूरा फायदा उठाते हुए चुनौतीपूर्ण इंग्लिश आक्रमण के खिलाफ अपना पहला तिहरा अंक स्कोर बनाया।
कार्टी की शानदार पारी का साथ देने वाले सलामी बल्लेबाज ब्रैंडन किंग थे, जिन्होंने बेहतरीन 102 रन बनाए। किंग की स्थिर पारी ने वेस्टइंडीज के लक्ष्य का पीछा करने की नींव रखी, क्योंकि उन्होंने और कार्टी ने दूसरे विकेट के लिए 209 रनों की शानदार साझेदारी की, जिससे घरेलू टीम मजबूत स्थिति में पहुंच गई।
इससे पहले, तेज गेंदबाज मैथ्यू फोर्ड ने इंग्लिश पारी की शुरुआत में ही 46 रन देकर 3 विकेट चटकाए, जिसमें उनके दूसरे ओवर में विल जैक्स का विकेट भी शामिल था, जिससे इंग्लैंड 24/4 पर संघर्ष कर रहा था।
हालांकि, डैन मूसली (57), सैम करेन (40) और जोफ्रा आर्चर (नाबाद 38) के योगदान से मेहमान टीम को कुछ स्थिरता मिली, लेकिन उनका 263/8 का कुल स्कोर अंततः अपर्याप्त साबित हुआ।
वेस्ट इंडीज को सीरीज जीतने के लिए 264 रनों की जरूरत थी, कार्टी और किंग ने शुरुआत से ही कमान संभाली और एक ठोस साझेदारी बनाई, जिसमें उनके कौशल और धैर्य का प्रदर्शन हुआ, इससे पहले कि फॉर्म में चल रहे कप्तान शाई होप (5*) अंत में आए और परिणाम को सुनिश्चित करने में मदद की।
किंग को वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी क्रम में शीर्ष पर अपनी स्थिर पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, जबकि फोर्ड को तीनों मुकाबलों में आठ विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
संक्षिप्त स्कोर: इंग्लैंड 263/8 (फिल साल्ट 74, डैन मूसली 57; मैथ्यू फोर्ड 3-35, अल्जारी जोसेफ 2-45) वेस्टइंडीज से 43 ओवर में 267/2 (केसी कार्टी 128*, ब्रैंडन किंग 102; जेमी ओवरटन 1-17) से 8 विकेट से हार गया।