इस लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम ओवरों के दौरान हरियाणा ने पांच विकेट काफ़ी जल्दी गंवा दिए, लेकिन विकेटों का यह पतझड़ उन्हें जीतने से नहीं रोक सका। अंत में उन्होंने 44 ओवर में 197 रनों के लक्ष्य को पूरा कर लिया।
197 रनों का पीछा करते हुए अर्श रंगा ने टीम को तेज़ शुरुआत दिलाते हुए 16 गेंदों में 25 रन बनाए। लेकिन वह एक अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। उनके सलामी साझेदार हिमांशु राणा ने 66 रनों की बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने कप्तान अंकित कुमार और पार्थ वत्स के साथ क्रमशः 54 और 55 रनों की साझेदारी की।
रवि बिश्नोई ने राणा का विकेट निकाल गुजरात को वापसी करने का मौक़ा ज़रूर दिया था, लेकिन वत्स ने सिंधू के साथ 35 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी करते हुए मैच को गुजरात की पहुंच से दूर कर दिया।
जब सिंधु का विकेट गिरा तो हरियाणा का स्कोर 173 पर दो था। हालांकि इसके बाद बिश्नोई ने एक बार फिर से काउंटर अटैक करते हुए तीन और विकेट निकाले, लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी।
वहीं दूसरी तरफ़ गुजरात की शुरुआत अच्छी हुई थी। ओपनर उर्विल पटेल और आर्य देसाई ने पहले सात ओवरों में 45 रन जोड़ दिए थे। लेकिन इसके बाद 13 गेंदों के अंदर तीन विकेट गिर गए और जल्द ही विशाल जायसवाल और अक्षर पटेल भी पवेलियन लौट गए।
हालांकि इसके बाद सौरभ चौहान और चिंतन गाजा के बीच 34 रनों की साझेदारी हुई। इसके बाद जब लगातार फिर से विकेट गिरे, तो ऐसा लग रहा था कि गुजरात के लिए 150 का आंकड़ा पार करना मुश्किल होगा। लेकिन हेमंग पटेल ने नौवें विकेट के लिए 54 रन की शानदार साझेदारी करते हुए टीम को 200 के क़रीब पहुंचा दिया। हेमंग ने 62 गेंदों पर 54 रन बनाए।
सिंधु और अनुज ठकराल ने तीन-तीन विकेट लिए, जबकि अंशुल काम्बोज ने दो विकेट चटकाए।