डॉयचे बैंक के बयान के अनुसार, यह हाल के वर्षों में भारत को दिया गया सबसे बड़ा पूंजी आवंटन है और इसका उपयोग कॉर्पोरेट बैंकिंग, निवेश बैंकिंग और निजी बैंकिंग में कारोबार बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
भारत में 45 वर्षों से परिचालन कर रहे बैंक ने 31 मार्च, 2024 तक 1.45 लाख करोड़ रुपये की बैलेंस शीट की रिपोर्ट की है।
हाल ही में किया गया पूंजी निवेश 2023 के स्तर से 33% की वृद्धि दर्शाता है, जिससे डॉयचे बैंक एजी इंडिया शाखाओं की नियामक पूंजी लगभग 30,000 करोड़ रुपये हो गई है।
पिछले एक दशक में यह पूंजी तीन गुना हो गई है। बैंक का ध्यान सप्लाई चेन में बदलाव और डिजिटलीकरण जैसे वैश्विक रुझानों के बीच भारत की अनुकूल स्थिति का लाभ उठाने पर है।
एशिया प्रशांत और अन्य क्षेत्रों के सीईओ अलेक्जेंडर वॉन ज़ुर म्यूलेन ने कहा, "हम भारत में अपार संभावनाएं देखते हैं।"
डॉयचे बैंक भारत को तेजी से विकास करता महत्वपूर्ण बाजार मानता है।
बैंक डिजिटल परिवर्तन, सस्टेनेबल फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारत के विकास का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इंडिया सीईओ कौशिक शपारिया के मुताबिक ये पूंजी निवेश भारत के व्यापार मॉडल और क्षमता के प्रति विश्वास को दर्शाता है।
पूंजी निवेश केवल भारत में डॉयचे बैंक की शाखाओं के लिए निर्धारित है और इसमें देश के भीतर संचालित अन्य संस्थाएं शामिल नहीं हैं।
इससे पहले, बैंक ने 2020 में 2,700 करोड़ रुपये और 2019 में 3,800 करोड़ रुपये निवेश किए थे।
कंपनी के बयान के अनुसार, ये निवेश भारत के लिए डॉयचे बैंक की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
डॉयचे बैंक ने 2023-24 में 1,977 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था, जो 2023-24 के इसी आंकड़े से 35 प्रतिशत की उछाल दर्शाता है।
बैंक भारत में 17 शाखाओं के माध्यम से काम करता है और देश के सबसे बड़े विदेशी बैंकों में से एक है।