दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में एक साल तक नहीं बढ़ेगा प्राइम ऑफिस का किराया : रिपोर्ट

16 Nov, 2024 8:06 PM
प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई, 16 नवंबर (आईएएनएस): । दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में प्राइम ऑफिस का किराया जुलाई-सितंबर की अवधि में स्थिर रहा, जबकि मजबूत मांग और सीमित नई आपूर्ति की वजह से मुंबई और बेंगलुरु में सालाना आधार पर क्रमशः पांच प्रतिशत और तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह जानकारी शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में प्राइम ऑफिस का किराया सालाना आधार पर मजबूत रहा। इसी के साथ अगले 12 महीने में किराये की दरें स्थिर रहने की उम्मीद है।

नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर वर्तमान में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में छठा सबसे महंगा ऑफिस स्पेस रेंटल मार्केट है।

साल 2024 की दूसरी और तीसरी तिमाही में इन तीनों बाजारों में संयुक्त लेनदेन की मात्रा लगातार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि का श्रेय काफी हद तक वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और भारत-केंद्रित व्यवसायों को जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उछाल भारत के आर्थिक भविष्य, इसकी समृद्ध प्रतिभा, व्यापार-अनुकूल विनियमों और इसके विशाल उपभोक्ता बाजारों की निरंतर वृद्धि को लेकर आशावाद को दर्शाता है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती वैश्विक कॉर्पोरेट को आकर्षित कर रही है। देश के प्रमुख कार्यालय बाजारों में निरंतर मांग से यह जाहिर है।"

उन्होंने कहा, "यह सकारात्मक दृष्टिकोण, 2022 से स्थिर किराया स्तर और 2024 में बढ़ती मांग के कारण है, जो निकट से मध्यम अवधि में भारतीय कार्यालय बाजार की निरंतर मजबूती में हमारे विश्वास को रेखांकित करता है।"

साल 2024 की तीसरी तिमाही में, बेंगलुरु में सबसे बड़ी मात्रा में वृद्धि देखी गई, जो साल-दर-साल 158 प्रतिशत थी। जीसीसी हब के रूप में बेंगलुरु की स्थिति को इस तथ्य से और बल मिला कि शहर में कारोबार किए गए 62 प्रतिशत स्थान जीसीसी से थे।

मुंबई और एनसीआर के अधिकांश कारोबार भारत के साथ काम करने वाली कंपनियों के कारण था।

मुंबई में प्राइम ऑफिस का किराया 317 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह दर्ज किया गया। बेंगलुरु में यह 138 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह और दिल्ली-एनसीआर में यह 340 रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह था।




सौजन्य मीडिया ग्रुप: आईएएनएस


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