रविवार सुबह दिल्ली के आईटीओ, छठ घाट पर अखिल विश्व गायत्री परिवार की तरफ से किए गए यज्ञ और शंखनाद से भिक्षाटन अभियान शुरू हुआ। यमुना जी के तट पर कार्यक्रम में मौजूद बहनों ने अपने भाइयों से यमुना जी की शुद्धिकरण की इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
इस मौके पर रविशंकर तिवारी ने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि दिल्ली कई बार उजड़ी और बसी। उजड़कर बसना शहर के पूरब दिशा में बहने वाली यमुना ने संभव किया। लेकिन, आज यमुना और दिल्ली का रिश्ता टूट रहा है। दिल्ली के लोग यमुना को भूलने लगे हैं। राजधानी की जीवन रेखा धुंधली हो चली है। यमुना मृतप्राय हो चली है। इकोलॉजिकली यह मृत है। विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि हालत यही रही तो यमुना जी खत्म हो जाएंगी और जब यमुना जी नहीं होंगी, तो दिल्ली का बचे रहना भी मुश्किल है।
रविशंकर तिवारी के मुताबिक जब यमुना बचेगी, तभी दिल्ली बचेगी और हम भी, इसलिए भिक्षाटन अभियान यमुना के बहाने खुद को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि मैं खुद निजी तौर पर 2025 के भाई दूज तक यमुना भिक्षु के तौर पर घर-घर जाऊंगा। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे ब्रज क्षेत्र के घर-घर तक मैं यमुना की पीड़ा लेकर पहुंचूगा और आप सब को यमुना शुद्धिकरण के इस महायज्ञ में तन, मन और धन से भागीदार बनाऊंगा।
इस मौके पर राष्ट्रवादी चिंतक केएन. गोविंदाचार्य, कथा वाचक अजय भाई जी, नामधारी व निरंकारी समाज, नदी संवाद, विश्व जागृति मिशन, दिल्ली पंचायत संघ, 360 खाप पंचायत समेत विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक-धार्मिक-व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि व बड़ी संख्या में शिक्षक व छात्र मौजूद रहे।