समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी गाजा में महत्वपूर्ण सहायता लाइनें कट गई हैं।
उन्होंने इस बात की जानकारी देते हुए कहा, "संघर्ष झेल रहे गाजा में 1 अक्टूबर के बाद से कोई खाद्य सहायता नहीं पहुंची है।" साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उत्तरी गाजा में मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं और यदि संघर्ष जारी रहा तो उन तक पहुंचना संभव नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफपी ने गाजा के उत्तरी हिस्से में अपने पास बची-खुची हुए खाद्य सामग्री को साझेदारों और नए विस्थापित परिवारों को आश्रय देने वाले रसोईघरों में वितरित कर दिया है। लेकिन, यह खाद्य सामग्री बमुश्किल दो सप्ताह चलेगी। इलाके में पहले से चल रहे कई रसोईघर और बेकरी को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यदि संघर्ष इसी पैमाने पर जारी रहा तो अन्य को भी बंद होने का खतरा है।
इसके बाद उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "दक्षिण गाजा में भी स्थिति बहुत खराब है।" खाद्य सामग्री का वितरण नहीं हो रहा है और बेकरियों को गेहूं का आटा जुटाने में संघर्ष करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें किसी भी दिन बंद होने का खतरा है।
हक ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, मानवीय संगठन अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। इसमें यूएनआरडब्ल्यूए, फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी, और गैर-सरकारी संगठन साझेदार, निर्धारित आश्रय स्थलों में और उसके बाहर रोटी, पका हुआ भोजन साथ ही आटा वितरित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के कर्मियों ने गुरुवार को डेर अल बलाह में अल रुफैदा के स्कूल में बनाए गए आश्रय स्थल का दौरा किया, जहां एक इजरायली हवाई हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कई लोग मारे गए थे। मूल्यांकन दल ने तीन कक्षाओं, 20 टेंट, पांच बाथरूम, तीन पानी की टंकियों और 60 से अधिक परिवारों के सामानों के नष्ट होने या क्षतिग्रस्त होने का उल्लेख किया।