रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" पर इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस सफलता ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जो इस तरह की उन्नत और जटिल सैन्य तकनीक में सक्षम हैं।
यह परीक्षण डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जहां डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिक मौजूद थे। रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों और इंडस्ट्री को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
राजनाथ सिंह ने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "भारत ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह क्षण हमारे देश के लिए गर्व का है, और यह हमें उन देशों में शामिल करता है जिनके पास ऐसी उन्नत तकनीक है। मैं डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और इंडस्ट्री को इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।"
यह हाइपरसोनिक मिसाइल 1,500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक विभिन्न हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स और अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं व उद्योग सहयोगियों ने मिलकर विकसित किया है।
हाइपरसोनिक मिसाइलों को अपनी तेज गति के कारण दुश्मनों के लिए पता लगाना और रोकना बहुत कठिन बनाती हैं। इस सफल परीक्षण से देश की सामरिक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत हुई है।