बताया जा रहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने तुर्की और इराक दोनों के लिए आतंकवादी संगठनों की वजह से पैदा हुए गंभीर सुरक्षा खतरों पर चर्चा की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इन खतरों से निपटने के लिए एक एकीकृत रणनीति बनाने की अपील की और दोनों देशों के लिए शांति और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया।
एर्दोगन ने गाजा और लेबनान में बढ़ते 'इजरायली आक्रमण' पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से आसपास के देशों से क्षेत्र में हिंसा को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने की अपील की।
तुर्की के राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की जरुरत पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से क्षेत्र के डेवलपमेंट रोड प्रोजेक्ट के जरिए सड़कों और बंदरगाहों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित करके दोनों देशों के बीच संपर्क में सुधार करने की अपील की।
इराकी समाचार एजेंसी (आईएनए) ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि अल-सुदानी और एर्दोगन ने अरब और इस्लामी देशों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से क्षेत्र में युद्ध विराम की कोशिशों का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने राहत कार्यों को सुविधाजनक बनाने, प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने, पुनर्निर्माण प्रयासों को शुरू करने और अपनी 'ऐतिहासिक भूमि' पर फिलिस्तीनी उपस्थिति को संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
आईएनए ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं ने विभिन्न आर्थिक और विकास क्षेत्रों में मौजूदा समझौतों और साझेदारी को लागू करने के तरीकों पर चर्चा की है।