प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा और महायुति सरकार के लिए महाराष्ट्र का विकास पहली प्राथमिकता है जबकि महा विकास अघाड़ी के लिए भ्रष्टाचार प्राथमिकता है। पूरे महाराष्ट्र का आशीर्वाद आज महायुति के साथ है। आज हर ओर से एक ही आवाज आ रही है कि "एक बार फिर महाराष्ट्र में महायुति सरकार"। आज महाराष्ट्र में एक तरफ महायुति की विचारधारा है, जो यहां की विरासत पर गर्व करती है, तो दूसरी तरफ एक सोच "महा अघाड़ी" की भी है, जो महाराष्ट्र के गौरव को लगातार अपमानित कर रही है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होना है जबकि चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। इससे पहले पीएम मोदी की यह राज्य में आखिरी रैली थी।
उन्होंने महा विकास अघाड़ी के नेताओं को "तुष्टिकरण का गुलाम" बताते हुए कहा कि वे राम मंदिर का विरोध करते हैं, वोट पाने के लिए भगवा आतंकवाद का शब्द गढ़ने का काम करते हैं, आए दिन वीर सावरकर का अपमान करते हैं, कश्मीर में 370 की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित करते हैं।
उन्होंने कहा कि देश की हर उपलब्धि पर विपक्षी गठबंधन सवाल उठाता है। उन्होंने दशकों तक मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा नहीं दिया और जब "हमने मराठी भाषा को यह सम्मान दिया, तो उन्हें सांप सूंघ गया। जनता को महा अघाड़ी वालों की राजनीति से और उनके इरादों से बहुत सावधान रहना होगा"।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई शहर ने लंबे समय तक आतंकवाद की पीड़ा झेली है। आतंकवाद से मिले जख्मों को यहां के लोग अब भी भूले नहीं हैं। लेकिन बीते वर्षों में लोगों के मन में सुरक्षा का भाव आया है क्योंकि "तब सरकार और थी, आज मोदी है"। आपको सोचना है कि क्यों कांग्रेस सरकार के समय मुंबई समेत देश भर में आतंकी घटनाएं होती रहती थीं।
उन्होंने कहा, "आज देश में मोदी की सरकार है और आतंक के आकाओं को पता है कि भारत के खिलाफ, मुंबई के खिलाफ कुछ किया तो मोदी उन्हें पाताल में भी नहीं छोड़ेगा।"
पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी केवल तोड़ने की बात करते हैं। मुंबई में हर जाति-समुदाय के लोग आते हैं, एक साथ रहते हैं, लेकिन महा विकास अघाड़ी के नेता जाति के नाम पर लोगों को लड़वाने में लगे हैं। उनमें एक ऐसा दल है, जिसने बाला साहब का अपमान करने वाली कांग्रेस के हाथ में अपना रिमोट कंट्रोल दे दिया है।
उन्होंने कहा, "इसलिए मैंने उन्हें चुनौती दी थी कि कांग्रेस से बाला साहब ठाकरे की प्रशंसा करवा कर दिखाएं। आज तक ये लोग कांग्रेस से और कांग्रेस के शहजादे से बाला साहब की प्रशंसा नहीं करवा पाए हैं। झारखंड और महाराष्ट्र में हरियाणा से भी कड़ा जवाब कांग्रेस और महा अघाड़ी वालों को मिलने वाला है।"