समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 250 टन की इस खेप में आवश्यक दवाएं, एंटीबायोटिक्स और आपातकालीन चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री हैथम मोहम्मद इब्राहिम ने एक बयान में कहा, "यह सहायता गेजीरा राज्य के 100 से अधिक गांवों में रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) द्वारा किए गए उल्लंघनों के बाद उत्पन्न हुई आपातकालीन मानवीय स्थिति को देखते हुए भेजी गई है।"
मंत्री ने गेजीरा की गंभीर स्थिति का उल्लेख किया, जिसमें एक आपातकालीन कक्ष की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता है।
संघर्ष से सूडान में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई है, खासकर युद्धग्रस्त क्षेत्रों में। लड़ाई के कारण खार्तूम में कई फार्मेसियां बंद हो गई हैं, जिससे जरूरी दवाओं की कमी हो गई है और उनकी कीमतें बढ़ गई हैं।
हैजा, मलेरिया, खसरा और डेंगू बुखार जैसी बीमारियों के प्रकोप ने स्वास्थ्य संकट को और बढ़ा दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हैजा के 28,000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 800 मौतें हुई हैं।
अंतरराष्ट्रीय संगठनों के ताजा अनुमान के अनुसार, अप्रैल 2023 के मध्य में शुरू हुए इस संघर्ष के कारण 24,850 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।