शहर में बाढ़ नियंत्रण से जुड़े विभिन्न कामों में देरी के बाद यह मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाते हुए यह फैसला लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, स्टालिन खास तौर पर गणेश पुरम मेट्रो के पास पेरम्बूर पुलिया से जुड़े काम का निरीक्षण करेंगे। इस पुलिया का काम पिछले तीन सालों से अटका हुआ है।
रेलवे इस प्रोजेक्ट में हुई देरी के लिए सुरक्षा चिंताओं का हवाला दे रहा है। जीसीसी ने शुरू में 2021 में गणेश पुरम मेट्रो परियोजना का प्रस्ताव रखा था, लेकिन काम अभी भी अधूरा है। जीसीसी अधिकारियों ने बताया कि रेलवे पटरियों के किनारे पुलिया बनाने में देरी के कारण चेन्नई के 32 इलाकों में बाढ़ आ गई है।
बता दें कि शहर में हुई हाल ही में बारिश के कारण रेलवे लाइनों के पास के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। इसके बाद इस समस्या से तत्काल निपटने के लिए, जीसीसी बाढ़-ग्रस्त इलाकों में अस्थायी नालियों का निर्माण कर रही है। साथ ही पानी निकालने के लिए पंप लगाने की योजना भी बना रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता और चेन्नई स्टडी सर्किल के अध्यक्ष कृष्णन सुब्रमण्यम ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, "हाल ही में हुई बारिश के दौरान चेन्नई के कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। बाढ़ पर जीसीसी के हस्तक्षेप से स्थानीय लोगों को मदद मिली थी। बाढ़ को रोकने के लिए राज्य सरकार को रेलवे के साथ समन्वय करके रेलवे की जमीन, राजमार्ग की जमीन और प्रमुख जलमार्गों के पास पुलिया निर्माण में तेजी लानी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "कोडंबक्कम और टी. नगर जैसे क्षेत्रों में पुलिया की कमी इन इलाकों में बाढ़ का एक प्रमुख कारण रही है। ये पुलिया रेलवे पटरियों के पार पानी की निकासी करती हैं।"
चेन्नई स्थित थिंक टैंक, सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक सी. राजीव ने इस मामले पर कहा, "जीसीसी के इंजीनियरों ने रेलवे की जमीन पर पुलिया बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय एक अलग मानचित्र के साथ नालियों का निर्माण करने का प्रयास किया है।"