इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल सैयद असीम मुनीर ने उन लोगों को जवाबदेह ठहराने की वकालत की जो फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं फैलाते हैं और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में छिपाते हैं।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उचित विनियमनों के अभाव के कारण दुनिया भर के समाजों में नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है। दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें गलत सूचनाओं का तेजी से प्रसार और भ्रामक सूचनाएं प्रमुख चुनौतियों में से एक है।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डालने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान की आलोचना की जा रही है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थक और पाकिस्तान तथा विदेशों से सोशल मीडिया अभियान को संभालने वाली इसकी विशाल टीम इमरान खान की वर्तमान स्थिति के लिए देश के सैन्य प्रतिष्ठान और सेना प्रमुख के खिलाफ लगातार अपना गुस्सा जाहिर कर रही है।
पाकिस्तान की सेना का कहना है कि इस तरह के अभियानों का उद्देश्य सशस्त्र बलों की छवि को कमजोर करना और उन्हें राजनीतिक समझौता करके और खान को देश के प्रधानमंत्री के रूप में फिर से स्थापित करके तुच्छ राजनीति में लिप्त होने के लिए मजबूर करना है।
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान किसी भी विवाद में पक्षधर नहीं बनेगा और इसकी बजाय वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने का प्रयास करेगा।
उन्होंने कहा कि हिंसक गैर-राज्य और राज्य प्रायोजित संस्थाओं द्वारा आतंकवाद एक महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौती बनी हुई है।
जनरल मुनीर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पड़ोसी अफगान अंतरिम सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि वह अपना वादा निभाए और अपनी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ न होने दें।
उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अफगान अंतरिम सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अफगान धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के लिए न हो और इस संबंध में सख्त कदम उठाए। आजम-ए-इस्तेहकाम सैन्य पहल राष्ट्रीय कार्य योजना का एक अनिवार्य हिस्सा है और इसका उद्देश्य आतंकवाद और उग्रवाद के खतरे को खत्म करना है।"