यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की लंबे समय से यह मांग करते आए हैं कि अपील करते आए हैं कि रूस के अंदर लक्ष्यों को भेदने के लिए कीव को आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (एटीएसीएमएस) का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। एटीएसीएमएस 300 किमी (186 मील) तक जा सकती हैं।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक कई एक्सपर्ट मानते हैं कि अमेरिका का यह फैसला कीव के लिए बड़ी मदद साबित हो सकता है क्योंकि रूसी सेनाएं लगातार बढ़त हासिल कर रही हैं। अमेरिकी लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल से कीव को फायदा हो सकता है और युद्धविराम समझौते में वह बेहतर स्थिति में रह सकता है।
हालांकि यही एक संभावना नहीं है अमेरिकी फैसले पर रूस कैसी प्रतिक्रिया देगा यह बड़ा सवाल है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले भी पश्चिमी देशों को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दे चुके हैं। सैन्य रूप से बेहद ताकतवर रूस इस फैसले के बाद और कड़ा रुख अपना सकता है।
बाइडेन ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है कि जब जनवरी 2025 में वह व्हाइट हाउस छोड़ने वाले हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद इस निर्णय को बदलेंगे या जारी रखेंगे यह साफ नहीं है।
ट्रंप यूक्रेन युद्ध में अमेरिकी के भारी मदद की आलोचना कर चुके हैं और उन्होंने जंग को जल्दी खत्म करने का वादा भी किया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले भी पश्चिमी देशों को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा था कि यह यूक्रेन युद्ध में नाटो सैन्य गठबंधन की "प्रत्यक्ष भागीदारी" का प्रतिनिधित्व करेगा।
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