समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका सीडीसी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने औपचारिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (एचएचएस) और अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) से 7 अक्टूबर को जारी यात्रा सलाह का पुनर्मूल्यांकन करने और उसे हटाने का आग्रह किया है। जिसमें अपने नागरिकों को रवांडा की "यात्रा पर पुनर्विचार" करने के लिए आगाह किया गया है।
बयान के अनुसार, अफ्रीका सीडीसी के महानिदेशक जीन कासेया ने अमेरिकी अधिकारियों को लिखे एक पत्र में इस मामले पर बात रखी। जिसमें वायरस से बचाव के प्रबंधन और रोकथाम में रवांडा की प्रगति पर प्रकाश डाला गया।
अफ्रीका सीडीसी ने कहा, "अफ्रीका सीडीसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्थिति का जायजा लेकर कहा कि रवांडा ने इसे बेहतर तरीके से अड्रेस किया है। डब्ल्यूएचओ ने पुष्टि की कि मारबर्ग वायरस रोग के संक्रमण का जोखिम अब कम है और रवांडा के बाहर या संयुक्त राज्य अमेरिका में कोई मामला सामने नहीं आया है।"
इसमें कहा गया है कि यात्रा संबंधी सलाह का रवांडा के पर्यटन और व्यापार क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ा है। दोनों ही क्षेत्र इसकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इसमें कहा गया है, "अफ्रीका सीडीसी ने एचएचएस और सीडीसी से आग्रह किया है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करें और यात्रा परामर्श को चालू कराएं।"
इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि परामर्श को संशोधित करने से रवांडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धियों को मान्यता मिलेगी और साथ ही इसके आर्थिक सुधार को भी समर्थन मिलेगा।
अफ्रीका सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार रविवार तक रवांडा में मारबर्ग वायरस रोग का आखिरी मामला सामने आए 18 दिन हो चुके थे।
पहले से संक्रमित सभी रोगियों की निगरानी की गई और उन्हें इलाज के बाद छुट्टी भी दे दी गई।
अफ्रीका सीडीसी ने रवांडा की सफलता का श्रेय देश के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अफ्रीका सीडीसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के सहयोग से किए गए त्वरित और समन्वित प्रयासों को दिया।