सीएनएन के अनुसार, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा सीजफायर योजना को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दिए जाने के बाद यह बैठक हो रही है।
यह मीटिंग स्थानीय समयानुसार शाम 5:30 से 9 बजे के बीच होगी।
नेतन्याहू ने रविवार रात इजरायली अधिकारियों के साथ सुरक्षा परामर्श के दौरान हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम के लिए अपनी संभावित स्वीकृति का संकेत दिया था।
नेतन्याहू के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायली कैबिनेट मंगलवार को प्रस्तावित समझौते पर मतदान करेगी और इसके पारित होने की उम्मीद है।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया कि इजरायल को समझौते के कुछ विवरणों पर अभी भी संदेह है। इन्हें लेबनान सरकार को भी भेजे जाने की उम्मीद है। साथ ही और अन्य मुद्दों को लेकर भी बातचीत चल रही है। कई स्रोतों का कहना है कि जब तक सभी मुद्दे हल नहीं हो जाते, समझौता फाइनल नहीं होगा।
सीएनएन ने बातचीत से परिचित सूत्रों के हवाले से कहा कि वार्ता सकारात्मक रूप से समझौते की ओर बढ़ रही है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि चूंकि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच टकराव जारी है, इसलिए एक गलती वार्ता को खत्म कर सकती है।
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने संभावित समझौते का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे 'बड़ी गलती' और 'हिजबुल्लाह को खत्म करने का ऐतिहासिक अवसर गंवाना' कहा।
बेन ग्वीर ने गाजा में इजरायल और हमास के बीच संभावित युद्धविराम समझौतों को नाकाम करने के लिए भी कोशिश करते रहे हैं।
वहीं बेनी गैंट्ज ने प्रधानमंत्री से युद्ध विराम समझौते का विवरण सार्वजनिक करने की अपील की। उन्होंने जून में गाजा में जंग से निपटने के तरीके पर मतभेद के चलते युद्ध मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
गैंट्ज ने कहा, "उत्तर के निवासियों, लड़ाकों और इजरायल के नागरिकों को यह जानने का अधिकार है।"
पिछले हफ्ते, अमेरिकी दूत अमोस होचस्टीन ने बेरूत में कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम समझौता 'हमारे हाथ में है', लेकिन यह अंततः दोनों पक्षों का निर्णय होगा।
बाद में सोमवार को, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि होचस्टीन की चर्चा 'रचनात्मक' रही। उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन का मानना है कि 'चीजें सकारात्मक दिशा में जा रही हैं लेकिन चेतावनी दी कि जब तक सब कुछ नहीं हो जाता, तब तक कुछ नहीं किया जा सकता।'
समझौते को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर भी सतर्क हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि सिर्फ इसलिए कि कोई समझौता 'करीब' है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह हो जाएगा।
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