राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होन के बाद पीपीपी अध्यक्ष हान दोंग-हून के इस्तीफे की मांग भी जोर पकड़ रही है।
इससे पहले हान ने अपने इस्तीफे की मांग के जवाब में अपने कर्तव्यों को जारी रखने की बात कही थी।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पीपीपी की सर्वोच्च परिषद के सभी पांच निर्वाचित सदस्यों की तरफ से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर करने बाद से हान पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है।
हान ने गुरुवार को यून के महाभियोग के लिए समर्थन व्यक्त किया, जबकि इससे पहले उन्होंने यून के 'व्यवस्थित' इस्तीफे की मांग की थी।
दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सूक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था। मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।
यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव 204-85 मतों से पारित हुआ। तीन सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया और आठ वोट अवैध थे। वोटिंग में सभी 300 सांसदों ने अपने वोट डाले।
नतीजा बताता है कि 12 पीपीपी सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान करने के लिए अपनी पार्टी लाइन से अलग हटकर मतदान किया।
प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरुरत थी। इसमें विपक्षी गुट के पास संसद के 300 सदस्यों में से 192 सदस्य थे।
महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद यून को निलंबित कर दिया गया जबकि प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री हान डक-सू ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया।
बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।
मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।