दुनिया भर में मना पहला 'विश्व ध्यान दिवस', भारतीय मिशनों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन

21 Dec, 2024 4:27 PM
दुनिया भर में मना पहला 'विश्व ध्यान दिवस', भारतीय मिशनों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस): । 'विश्व ध्यान दिवस' के अवसर पर विदेश में भारतीय मिशनों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने यूएन ट्रस्टीशिप काउंसिल में 'वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान' कार्यक्रम की मेजबानी की। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने प्राचीन भारतीय अभ्यास 'ध्यान' पर चर्चा की और इसे आंतरिक शांति और सद्भाव प्राप्त करने का एक साधन बताया।

ध्यान को वैश्विक मान्यता मिलने पर गर्व व्यक्त करते हुए हरीश ने कहा, "मुझे खुशी है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग, परिचालन सहायता के अवर महासचिव अतुल खरे, आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर और अन्य लोग शुभ अवसर पर हमारे साथ शामिल हुए।"

महासभा ने 6 दिसंबर को भारत, लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा सहित देशों के एक प्रमुख समूह की अगुवाई में शीतकालीन संक्रांति के मौके पर 'विश्व ध्यान दिवस' के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया था।

लाओस की राजधानी वियनतियाने में, भारतीय दूतावास ने आर्ट ऑफ लिविंग लाओस और हॉलिडे इन वियनतियाने के सहयोग से इस दिवस को सेलीब्रेट किया।

संयुक्त राष्ट्र की ओर से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में अपनाने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने वाले प्रस्ताव को अपनाया, जिसमें भारत एक कोर ग्रुप सदस्य है।"

लाओस में भारतीय राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने मौजूद लोगों को शांति, सद्भाव और व्यक्तिगत कल्याण के लिए ध्यान अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने सरल ध्यान तकनीकों का भी अभ्यास किया।

संयुक्त राष्ट्र में नेपाल मिशन ने नेपाल की आध्यात्मिक विरासत को रेखांकित करते हुए इस दिन को मनाया।

एक्स पर एक पोस्ट में मिशन ने लिखा, "कई संतों और महात्माओं ने सत्य, ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में नेपाल की यात्रा की।"

संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा आयोजित एक समारोह में नेपाल के स्थायी प्रतिनिधि लोक थापा ने नेपाल को तपोभूमि कहा और लोगों को एकजुट करने, सद्भाव को बढ़ावा देने और समुदायों के बीच सेतु निर्माण करने में ध्यान की क्षमता पर जोर दिया।

साओ पाउलो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र (एसवीसीसी) में एक ध्यान सत्र आयोजित किया, जहां महावाणिज्य दूत हंसराज सिंह वर्मा ने ध्यान के महत्व पर चर्चा की, और आर्ट ऑफ लिविंग की डॉ. लुइसा गोंडिम ने एक संक्षिप्त अभ्यास का मार्गदर्शन किया।

इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग, हांगकांग,श्रीलंका और भूटान में भी भारतीय मिशनों ने कार्यक्रमों को आयोजित कर इस दिन को यादगार बनाया।

Words: 28


अस्वीकरण   इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रदान की गई है। यह जानकारी जियो24न्यूज डॉट कॉम द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। हम इसे सही और अद्यतन बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन जानकारी की पूर्णता, सटीकता, विश्वसनीयता, उपयुक्तता या उपलब्धता के बारे में किसी भी प्रकार की स्पष्ट या अप्रत्यक्ष गारंटी या वचन नहीं देते। वेबसाइट पर दी गई जानकारी, उत्पाद, सेवाएँ या संबंधित ग्राफिक्स पर किसी भी प्रकार की निर्भरता पूरी तरह से आपके अपने जोखिम पर होगी।

किसी भी परिस्थिति में, हम किसी भी प्रकार की हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे, चाहे वह अप्रत्यक्ष हो, परिणामी हो, या इस वेबसाइट के उपयोग या इससे संबंधित डेटा या लाभ की हानि के कारण उत्पन्न हुई हो।

हम साइटों की प्रकृति, सामग्री और उपलब्धता पर कोई नियंत्रण नहीं रखते हैं। किसी भी लिंक का शामिल किया जाना इन साइटों की सिफारिश करने या उनके विचारों का समर्थन करने का संकेत नहीं देता।

यदि आप इस अस्वीकरण को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं, तो हम सुझाव देते हैं कि आप समाचार पोस्ट को उसकी मूल भाषा में पढ़ें।



मुख्य समाचार


 

 

Scroll to Top