रक्षा को रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण घटक स्वीकार करते हुए दोनों देशों का कहना है कि समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए आवश्यक रूपरेखा प्रदान करेगा। इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा कर्मियों का प्रशिक्षण, तटीय रक्षा, समुद्री सुरक्षा और रक्षा उपकरणों का संयुक्त विकास तथा उत्पादन शामिल है।
दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की "स्पष्ट रूप से निंदा" की और आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को बाधित करने तथा आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का आह्वान किया।
पीएम मोदी की यात्रा की समाप्ति पर जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि सुरक्षा के क्षेत्र में मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की सराहना करते हुए "दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों, सूचना और खुफिया जानकारी साझा करने, अनुभवों के विकास और आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों, क्षमता निर्माण और कानून प्रवर्तन, मनी-लॉन्ड्रिंग, नशीली दवाओं की तस्करी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराध में सहयोग को मजबूत करने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।"
आतंकवाद, कट्टरपंथ और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए साइबर स्पेस के उपयोग को रोकने सहित साइबर सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई।
संयुक्त बयान के अनुसार, "दोनों पक्षों ने उभरती प्रौद्योगिकियों, अर्धचालकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहन सहयोग को आगे बढ़ाने में रुचि व्यक्त की। उन्होंने बी2बी सहयोग का पता लगाने, ई-गवर्नेंस को आगे बढ़ाने और दोनों देशों की इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी क्षेत्र की उद्योगों/कंपनियों को सुविधा प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के तरीकों पर चर्चा की।"
कुवैती पक्ष ने अपनी खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ सहयोग में भी रुचि दिखाई। दोनों पक्षों ने भारत में फूड पार्कों में कुवैती कंपनियों द्वारा निवेश सहित सहयोग के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की।
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का सदस्य बनने के कुवैत के फैसले का स्वागत किया, जो कम कार्बन उत्सर्जन वाले विकास तरीके विकसित करने और उन्हें लागू करने तथा टिकाऊ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्वास्थ्य, जनशक्ति और हाइड्रोकार्बन पर मौजूदा संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) के अलावा, व्यापार, निवेश, शिक्षा और कौशल विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और आतंकवाद-निरोध, कृषि और संस्कृति के क्षेत्रों में नए जेडब्ल्यूजी स्थापित किए गए हैं।
दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और विस्तारित करने के लिए नवगठित संयुक्त सहयोग आयोग (जेसीसी) और इसके तहत जेडब्ल्यूजी की बैठकें शीघ्र बुलाने पर जोर दिया।
रक्षा पर समझौता ज्ञापन के अलावा, 2025-2028 के लिए खेल के क्षेत्र में सहयोग पर कार्यकारी कार्यक्रम और 2025-2029 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
सीईपी कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और रंगमंच में अधिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में सहयोग, संस्कृति के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास तथा त्योहारों के आयोजन की सुविधा प्रदान करेगा।
कार्यकारी कार्यक्रम के तहत खेल के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत और कुवैत के खेल के दिग्गज एक-दूसरे के यहां जाएंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे और खेल से जुड़े कार्यक्रमों तथा स्पोर्ट्स मेडिसिन, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स मीडिया, स्पोर्ट्स साइंस और अन्य क्षेत्रों परियोजनाओं में हिस्सा लेंगे।