संभल विवाद सामने पर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संभल में जो कुछ भी हो रहा है, वह बुरा हो रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में एक सकारात्मक पहलू यह है कि वहां मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम इसे लेकर रहेंगे, चाहे वह वोट से हो, कोर्ट से हो, या फिर जनता के सहयोग से हो। मंदिर के मुद्दे पर उनका संघर्ष जारी रहेगा और वह इसके लिए सभी संभव रास्तों का उपयोग करेंगे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हिंदुओं पर अत्याचार कर रही है। बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री को 'दुष्ट' बताते हुए उन्होंने कहा कि इंतजार कीजिए, सबका सर्वनाश होगा। चिंता मत कीजिए। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। हमने सरकार से बहुत कुछ कहा है, लेकिन यह समस्या केवल भारतीय सरकार ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने असहमति जताई। मोहन भागवत ने कहा था कि कुछ लोग हिंदुओं के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, इस पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं मोहन भागवत जी के बयान से बिल्कुल सहमत नहीं हूं। मोहन भागवत अनुशासक रहे हैं, लेकिन उनका विचार इस मामले में उनके साथ नहीं मिलता।
स्वामी रामभद्राचार्य ने आगामी महाकुंभ मेला के बारे में कहा कि महाकुंभ एक अद्भुत आयोजन है, जिसमें लाखों लोग भाग लेंगे। सभी को इस मेले में आकर धर्म के प्रति अपनी आस्था और समर्पण को व्यक्त करना चाहिए। मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि भारत की अखंडता बनी रहे और सभी लोग शांति, सद्भाव और भाईचारे के साथ इस आयोजन में भाग लें।