इस दौरान पीएम मोदी ने श्रमिकों से बात करते हुए कहा कि आप मेहनत अपने परिवार के लिए करते हैं। मैं भी परिवार के लिए काम करता हूं। मेरे परिवार में एक सौ चालीस करोड़ लोग हैं। चालीस साल के बाद कोई प्रधानमंत्री यहां आया है और सबसे पहले अपने भाई बहनों को मिलने जा रहा है। मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि आप सबसे मिलने का अवसर मिला। आपका प्यार मुझे यहां तक खींच कर लाया है।
पीएम मोदी ने कहा, "जब मैं 2047 विकसित भारत की बात करता हूं, तो इसका कारण यही है कि मेरे देश में इतना दूर आकर मजदूरी करने वाला मेरा एक श्रमिक साथी भी सोचता कि मेरे गांव में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बने। यह मेरे देश की ताकत है। मैं दिन भर सोचता रहता हूं कि मेरा किसान कितनी मेहनत करता है अपने खेत में हमारा श्रमिक कितनी मेहनत करता है। जब ये सब मेहनत करते हैं तो मुझे भी करनी चाहिए। अगर वो 10-11 घंटे काम करते हैं तो मुझे 11-12 घंटे करना चाहिए। मेरे परिवार में एक सौ चालीस करोड़ लोग हैं तो मुझे ज्यादा काम करना पड़ता है।"
बिहार के सिवान जिले के रहने वाले पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि मैं यहां 15 साल से काम कर रहा हूं। हम लोग जब आए थे उस समय हम लोगों को परिवार से बात करने में दिक्कत होती थी। कभी कभी घर पर बात करने के लिए एक एक हफ्ता हो जाता था लेकिन अभी हम लोग को इतनी सुविधा है कि हर समय बात कर सकते हैं। हमारे बिहार में जो आपने नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। उसके लिए भी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। इससे वहां के छात्रों को बहुत आगे बढ़ने का बहुत अच्छा मौका मिलेगा।
पीएम मोदी ने इस दौरान भारत के विभिन्न राज्यों से आए भारतीय श्रमिकों से बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और गल्फ स्पिक लेबर कैंप में नाश्ते के समय उनमें से कुछ के साथ एक मेज पर बैठे।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, "प्रधानमंत्री मोदी की ओर से गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा विदेशों में भारतीय श्रमिकों के कल्याण के लिए दिए गए महत्व का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने विदेशों में भारतीय कामगारों के कल्याण के लिए ई-माइग्रेट पोर्टल, मदद पोर्टल और उन्नत प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसी कई पहल की हैं।"
विदेश मंत्रालय ने कार्यक्रम की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, "पीएम मोदी ने भारतीय कामगारों से बातचीत की और उनका हालचाल पूछा। प्रधानमंत्री का दिन का पहला कार्यक्रम यह दर्शाता है कि भारत विदेशों में भारतीय कामगारों के कल्याण को कितना महत्व देता है।"
कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। कुवैत की कुल आबादी में भारतीय 21 प्रतिशत (1 मिलियन) हैं और इसके कार्यबल (लगभग 9 लाख) में 30 प्रतिशत हैं।