उत्तर प्रदेश सरकार कृषि को बढ़ावा और किसानों को सशक्त बनाने के लिए बड़े कदम उठाती रही है। इसी सिलसिले में यूपी में बड़े स्तर पर मखाना की खेती करने की योजना बनाई गई है, जिसमें राज्य केंद्र और राज्य सरकार फंडिंग करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद किसानों का रुझान खेती की तरफ और तेजी से बढ़ा है। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ऐसी कई योजनाओं को ला रहे हैं, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिले।
इसी सिलसिले में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों द्वारा बड़े स्तर में मखाना की खेती की जाएगी। यह शुरुआत एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत होगी।
इस पूरी योजना को लेकर किसान पवन सिंह ने बताया कि उद्यान विभाग पहले फलदार पौधों पर काम करते थे, लेकिन अब इन्होंने जलीय पौधों पर काम शुरू किया है। इसके अंतर्गत मखाने और सिंघाड़े को प्रमोट किया जा रहा है। बिहार में देश का 80 से 90 प्रतिशत मखाने की खेती होती है।
मखाने की खेती की ट्रेनिंग के लिए हमें दरभंगा और उसके आसपास के इलाके में भेजा जाएगा। वहां पर किसानों को मखाने के उत्पादन और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में सिखाया जाएगा।
ज्ञात हो कि, मखाना की खेती के लिए वाराणसी के आठ विधानसभा से 25 किसानों को चयनित किया गया है, जिनकी ट्रेनिंग दरभंगा के मखाना संस्थान में कराई जाएगी।
मखाना की खेती के लिए वाराणसी के कई तालाबो को चिन्हित किया गया है और तालाब से जुड़े हुए किसानों की पहचान की गई है। जिनको ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस योजना के तहत 25 किसानों को 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल से खेती की शुरुआत की जाएगी। इसमें 80 हजार प्रति हेक्टेयर की लागत है, जिसमे 50% प्रतिशत उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को दी जाएगी। मखाना की खेती के लिए केंद्र और राज्य से फंडिंग आ रही है।