कोयला मंत्रालय की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, 1 अप्रैल से लेकर 12 सितंबर तक 411.62 मिलियन टन (एमटी) कोयले का उत्पादन किया गया था। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 388.86 एमटी था।
कोयले का उत्पादन बढ़ने के साथ इसके स्टॉक में भी इजाफा देखने को मिला है। 12 सितंबर तक कोयला कंपनियों के पास कोयले का स्टॉक बढ़कर 76.49 एमटी हो गया है। इसमें सालाना आधार पर 49.07 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स पर कोयले का स्टॉक 36.58 एमटी हो गया है और इसमें सालाना आधार पर 43.68 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), देश में कोयला उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। समीक्षा अवधि में कंपनी का उत्पादन 2.80 प्रतिशत बढ़कर 311 एमटी हो गया है, जो कि पहले 302.53 एमटी था।
उत्पादन में बढ़ोतरी ऐसे समय पर देखी गई है, जब देश में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण कई बार माइनिंग गतिविधियों में व्यावधान देखने को मिलता है।
कोयला डिस्पैच में भी इस दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से 12 सितंबर यह आंकड़ा 442.24 एमटी रहा है। पिछले साल यह आंकड़ा 421.29 एमटी रहा। सालाना आधार पर इसमें 4.97 प्रतिशत हुई है।
इसके अलावा पावर प्लांट तक पहुंचाए गए कोयले में भी 4.03 प्रतिशत की बढ़त हुई है और यह आंकड़ा समीक्षा अवधि में 362.65 एमटी रहा है।
अप्रैल से अगस्त की अवधि में भारत का कोयला उत्पादन बढ़कर 384.07 मिलियन टन (एमटी) हो गया था। इसमें सालाना आधार पर 6.36 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।