उन्होंने कहा, “आज के दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए। इसका अपना एक विशेष महत्व है। मुझे यह देखकर अत्यधिक खुशी हो रही है कि प्रदेश के लोगों में दशहरे को लेकर खासा उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा है। मैं सभी लोगों से अपील करना चाहूंगा कि आप लोग अपने परिवार के साथ अच्छे से इस त्योहार को मनाइए।”
इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह आदत हो चुकी है कि जब उसे किसी भी चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ता है, तो वो ईवीएम का रोना शुरू कर देती है। उसे ऐसा लगता है कि ऐसा करने से उसे सियासी मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा। लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि उसे किसी भी प्रकार का कोई भी फायदा नहीं मिलने वाला है।
दरअसल, मुख्यमंत्री से यह सवाल किया गया था कि कांग्रेस ने हरियाणा में मिली हार के बाद चुनाव आयोग में शिकायत की है, तो इसी पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जब अपनी इच्छा के अनुसार परिणाम नहीं मिलते हैं, तो वो ईवीएम का रोना शुरू कर देती है। खैर, अब देश की जनता कांग्रेस के इस ढोंग और पाखंड से वाकिफ हो चुकी है।
बता दें कि कांग्रेस हरियाणा में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी, लेकिन अंत में जब भाजपा प्रदेश की 48 सीटों पर जीत का परचम लहराने में सफल हुई, तो कांग्रेस के खेमे में खलबली मच गई। अब हरियाणा में मिली हार को लेकर पार्टी विवेचना कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद कहा कि हम हरियाणा के चुनावी नतीजों को लेकर बैठक कर रहे हैं। जल्द ही इस पर रिपोर्ट सामने आएगी, तो हम आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसा होता है कि जब आपको किसी चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ता है, तो लोग आपकी आलोचना करते हैं। लेकिन, जब आपको जीत मिलती है, तो आपको श्रेय भी दिया जाता है। मुझे लगता है कि आपको राजनीति में दोनों ही स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।