सामना में एक लेख में कांग्रेस की हरियाणा में हार के बाद लिखा गया कि विधानसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस को सबक लेना चाहिए। इस पर भाजपा सांसद ने कहा, इंडी गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल कांग्रेस से अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं। इंडी गठबंधन का आधार समाज और देश नहीं है, यह सिर्फ व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जुड़े हैं। जैसे ही कांग्रेस डूबने लगेगी उनके गठबंधन के साथी इन्हें छोड़कर भाग जाएंगे। सामना में जो लिखा है, वह यही दिखा रहा है। मैं देश की जनता से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस कभी भी देश की भावना को नहीं समझ सकती है। कांग्रेस को बस अपने परिवार की चिंता है। हरियाणा की जनता ने जैसे इनसे दूरी बनाई है, वैसे ही झारखंड और महाराष्ट्र को भी इनसे दूरी बनानी चाहिए।
सामना में इसके साथ ही एक लेख में लिखा गया है, जहां-जहां भाजपा की सरकार वहां-वहां दलितों पर अत्याचार। भाजपा सांसद ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, जहां भी भाजपा की सरकार है, अगर दलितों के साथ अत्याचार होता है तो उसको सजा मिलती है और ऐसी सजा मिलती है, जिससे अपराधी को पता चल जाता है कि दलितों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए। भाजपा की वजह से दलितों को अधिकार मिल रहा है। कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में 370 फिर से लाना चाहती है। 370 को दोबारा लाने का मतलब है कि दलितों का सारा अधिकार खत्म कर देना। कांग्रेस कह रही है कि 370 वापस लाएंगे भले ही दलितों को अधिकार खत्म हो जाए। लेकिन, 370 वापस लाना उनके बस की बात नहीं है। मनोज तिवारी ने कहा, मैं शिवसेना(यूबीटी) से कहना चाहता हूं कि अगर आप दलित समाज के समर्थक हैं तो कांग्रेस को आज ही छोड़ दें। क्योंकि कांग्रेस सरेआम कह रही है कि हम जम्मू-कश्मीर में दलित का हक नहीं देंगे, तो क्या जम्मू कश्मीर का दलित, दलित नहीं है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर मनोज तिवारी ने कहा, नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवादियों की शत्रु है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा ने भ्रष्टाचार, माफियावाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। ‘सामना’ वाले बताएं कि मुंबई में कितनी आतंकी घटनाएं पहले होती थी। आज वह सब कहां चले गए। सेना पर पत्थर चलाने वाले कहां चले गए। हमारी नीयत साफ है, आतंकवाद को इस देश से हटाने के लिए भाजपा के अलावा कोई और विकल्प नहीं था और आगे भी यही बना रहेगा।