केन्द्रीय राज्य मंत्री और पूर्वी दिल्ली से सांसद हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि यमुना की झाग एक तरीके का संकेत है कि यमुना में कितना पॉल्यूशन है। यमुना जी जिस पॉइंट से हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करती हैं, वहां पर ऑक्सीजन का लेवल 9 है। वहां पर फिकल मैटर का इंडिकेटर 1200 है। ऑक्सीजन लेवल 9 का मतलब है कि वहां पर आचमन किया जा सकता है, स्नान किया जा सकता है, वह का पानी पीने लायक भी है। लेकिन जब दिल्ली में 36 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यमुना जी दिल्ली से बाहर निकलती हैं, तो उस ऑक्सीजन ऑक्सीजन का लेवल जीरो है। वहां का फिकल इंडिकेटर, जो मल मूत्र का इंडिकेटर है वह 9 लाख है। वहां यमुना जी के पास खड़े भी नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि पानी के अंदर के जीव भी जिंदा रह जाएं तो गनीमत है। दूसरी तरफ केजरीवाल अभी भी बेशर्मी से कहते है कि मुझे पांच साल यमुना जी की सफाई के लिए चाहिए। तीन हजार करोड़ रुपये भी केंद्र सरकार से यमुना जी की सफाई के लिए मिल जाता है। लेकिन उन तीन हजार करोड़ रुपयों को भी उन्होंने हड़प लिया। जनता की कमाई का पैसा केंद्र ने यमुना जी की सफाई के लिए दिया था, लेकिन केजरीवाल ने तीन रुपये भी खर्च नहीं किए। दिल्ली सरकार यमुना जी के साथ-साथ यह जो पूर्वांचलवासियों के साथ भी छल कर रही है। उनसे भी झूठ बोल रहे हैं।
पूर्वांचलवासी छठ मैया का तीन दिन का व्रत रखने के बाद सूर्य देवता को अर्ध्य देते हैं। हमारे लिए सौभाग्य की बात तो है कि दिल्ली में यमुना जी हैं पर दुर्भाग्य की बात यह है कि यमुना जी इतनी प्रदूषित है कि वहां खड़ा होना तो दूर, उनसे सौ मीटर दूर भी नहीं खड़ा हो सकते। इसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल की है। उन्होंने झूठ बोलने के सिवाय कुछ नहीं किया।