विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “दिल्ली सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए बार-बार यह राग अलाप रही है कि दीपावली पर जलाए गए पटाखों की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। लेकिन, वह यह स्वीकार करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हो रही है कि आखिर उसने अब तक सड़कों के गड्ढे भरने के लिए क्या किया। दिल्ली में बेशुमार ऐसी सड़कें हैं, जिनमें बहुत गड्ढे हैं। लेकिन, अब तक उन गड्ढों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर दिल्ली सरकार सड़कों का गड्ढा भरे, तो काफी हद तक प्रदूषण को रोका जा सकता है, क्योंकि इन्हीं गड्ढों से धूल उड़ती है, जो प्रदूषण को जन्म देती है, लेकिन अफसोस इस सरकार को इन चीजों से कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि 31 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी की सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी। लेकिन, अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को लेकर जिम्मेदार है। आप लोग दीपावली को दोष दे रहे हैं। लेकिन, असल कारणों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन आप उसका बिल्कुल भी जिक्र नहीं कर रहे हैं। कुल मिलाकर आप प्रदूषण के असल कारणों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के लोग त्रस्त हैं। लेकिन, सरकार को कोई लेना-देना नहीं है।”