त्रिवेणी के तट पर लगने जा रहे आस्था के महा समागम प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने के लिए अखाड़ों का कुंभ नगरी में जमघट होना शुरू हो गया है। संन्यासियों के श्री पंच दशनाम अखाड़े ने कुंभ नगरी में पूरे राजसी वैभव के साथ प्रवेश किया।
शहर के बाहर रामापुर गांव के हनुमान मंदिर से अपने रमता पंच के साथ अखाड़े के संन्यासियों और महात्माओं की भव्य नगर प्रवेश यात्रा शुरू हुई, जिसका समापन शहर में जूना अखाड़े के मौज गिरी आश्रम में हुआ।
नगर प्रवेश यात्रा के मार्ग में अखाड़े के महात्माओं का जगह जगह कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से फूलों से स्वागत किया गया। चांदी के सिंहासन में सवार अखाड़ों के महामंडलेश्वरों पर मार्ग में स्थानीय जनता ने पुष्प वर्षा की। अखाड़े के साधु संत अब यहीं प्रवास करेंगे। 14 दिसंबर को जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में अखाड़े का कुंभ क्षेत्र में प्रवेश होगा।
नगर प्रवेश यात्रा के सकुशल समापन के लिए महाकुंभ प्रशासन की तरफ से भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी की अगुवाई में प्रस्थान स्थल रामापुर से प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें अखाड़े के साधु संतो के साथ साथ चलती रहीं।
मार्ग में सुचारू रूप से यातायात संचालन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए चार सर्किल ऑफिसर, 6 इंस्पेक्टर, 9 सब इंस्पेक्टर और 40 पुलिस के जवानों की तैनाती की गई। जिला पुलिस के जवान अलग से विभिन्न मार्गों में यातायात व्यवस्था के लिए मुस्तैद दिखे। नगर प्रवेश यात्रा के दौरान कहीं सड़कों में जाम न लगने पाए इसकी व्यवस्था की गई।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के नगर प्रवेश यात्रा में अखाड़े के एक हजार से अधिक साधु संतों ने हिस्सा लिया । नगर प्रवेश यात्रा में मातृ शक्ति की मौजूदगी भी देखने को मिली। देश विदेश से बड़ी संख्या में महिला महा मंडलेश्वर भी नगर प्रवेश यात्रा का हिस्सा बनीं।
नेपाल से आई महिला संत और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमानंद गिरी का कहना है कि संतों का सौभाग्य है कि जिस प्रदेश में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है वहां के मुख्यमंत्री भी एक संत हैं। योगी जी की तरफ से जिस तरह भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन का संकल्प लेकर आयोजन की तैयारियां चल रही हैं उससे सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार नेपाल सहित दुनिया के विभिन्न देशों में अब तेजी से हो रहा है।