पांडे ने से विशेष बातचीत करते हुए कहा, “मंडल मुर्मू हमारे दल से भाजपा चले गए, लेकिन इससे हमारी पार्टी को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। भाजपा उन्हें अपने साथ लाने के लिए काफी समय से प्रयास कर रही थी, और इस दौरान खरीद-फरोख्त की चर्चाएं भी चल रही थीं। आप एक व्यक्ति की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि मंडल मुर्मू का जाना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। आज की तारीख में, उसी धरती पर नरेंद्र मोदी की सभा हो रही है, और प्रदेश उपाध्यक्ष जवाहर पासवान हजारों समर्थकों के साथ हमारे दल में शामिल हो चुके हैं। वह भी एक दलित चेहरा हैं और भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। मंडल मुर्मू का जाना, क्या फर्क डालता है? क्या इससे चुनावी परिणामों पर कोई असर पड़ेगा? हेमंत सोरेन आज की तारीख में झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हेमंत सोरेन झारखंड की राजनीति में बरगद का पेड़ हैं। एक भागलपुर के सांसद हैं, जो बस किसी तरह जीत जाते हैं। वह मंडल मुर्मू को भाजपा में शामिल कराने के लिए उनके पीछे लगे थे। इससे क्या हो जाएगा? यह सभी लोग दूब घास के बराबर हैं। इससे चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”
इसके बाद पीएम मोदी की झारखंड में धुआंधार रैली के असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के राज्य में सभा करने से चुनाव के रिजल्ट पर केवल एक ही प्रभाव पड़ेगा। जिन-जिन सीटों पर प्रधानमंत्री रैली करेंगे, वह सीटें वह निश्चित रूप से हारेंगे। उस पर हम ही जीतेंगे। जन समर्थन और लोगों का आशीर्वाद प्रदेश में हेमंत सोरेन के साथ है। जुमलेबाज लोग केवल जुमलेबाजी करते हैं। अब झारखंड की जनता गुजरात और असम से आने वाले लोगों की राजनीति खत्म करने का मन बना चुकी है। लोग कह रहे हैं कि झारखंडियों को एकजुट हो जाना है। गुजरातियों के चक्कर में नहीं पड़ना है। गुजराती कई कारणों से देश में प्रसिद्ध हैं। अब उन पर कोई ऐतबार नहीं करता।”