लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए भाजपा सांसद ने कहा, "शारदा सिन्हा के जाने से देश में बहुत बड़े नक्षत्र का पतन हुआ है। उन्होंने लोक संगीत को आगे बढ़ाने का काम किया था। पूरे भोजपुरी और मैथिली भाषा के ऊपर उनका प्रभाव था। जो लोग इस भाषा में बात करते हैं, मानो उनके ऊपर आसमान टूट पड़ा है।"
भाजपा नेता ने आगे कहा कि छठ के समय शारदा सिन्हा का जाना बहुत दुखदायी है। उनकी गैर मौजूदगी में छठ पूजा अधूरी रह जाएगी। हालांकि, वह इस भाषा के साथ लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।
संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक होने वाला है। इस सत्र में मोदी सरकार द्वारा 'वन नेशन-वन इलेक्शन' और 'वक्फ संशोधन' को लेकर बिल पेश किए जाने की संभावना पर समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कभी कोई हिडेन एजेंडा नहीं रहता है।
उन्होंने कहा, "हम लोग जनसंघ के समय और उसके बाद, जब पार्टी बनी थी, उस समय जो कमिटमेंट था, उसी को लेकर आगे बढ़े। इंदिरा जी के निधन के बाद 242 सीटों पर हम लोगों ने चुनाव लड़ा और सिर्फ दो सीटें हासिल हुईं। ऐसे में बहुत लोगों ने 'हम दो, हमारे दो' कहकर मजाक भी उड़ाया था, लेकिन हम लोग उस जगह से आज इस जगह पर पहुंचे हैं।"
भाजपा नेता ने कहा, "हम लोग जिस एजेंडे के साथ चले और जिन बिंदुओं पर जनता का ध्यान आकर्षित किया, अब उसका नतीजा सामने आने वाला है। ऐसे में सदन में सरकार कौन का विधेयक लेकर आएगी, अभी हम इसके बारे में बताने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन जो भी आएगा, पिछले 70 साल से पार्टी का जनता से जो कमिटमेंट है, उसी से जुड़ा हुआ होगा।"