इस भव्य उत्तराखंड निवास का निर्माण लगभग एक अरब 20 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से किया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद के मार्चुला बस दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सब उत्तराखंड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं। उत्तराखंड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है।
यह भवन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के साथ ही उत्तराखंड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरामदायी आवास व्यवस्था तथा उत्तराखंड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा। उत्तराखंड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाए। श्री अन्न उत्पादों और जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए भी यहां पर एक विशेष काउंटर की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उत्तराखंड की पहचान टोपी, पिछोड़ा, शॉल, जैकेट एवं राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था हो।
उन्होंने कहा कि आगामी 9 नवम्बर को हम उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड भवन का लोकार्पण श्रेष्ठ उत्तराखंड बनाने के हमारे संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा और राज्य को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए पिछले सालों में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत तीन वर्षों में राज्य में 18,500 सरकारी पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य में धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है। पांच हजार से अधिक सरकारी जमीन जो गैर-कानूनी रूप से कब्जे में थी, उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। प्रदेश में 'लव जिहाद' और 'थूक जिहाद' जैसी घटिया मानसिकता के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि आगामी बजट सत्र में एक सख्त भू-कानून भी लाया जाएगा जिसकी काफी लंबे समय से प्रतीक्षा है।