इसी विषय पर ने फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ निदेशक डॉ. निरंजन नाइक से विशेष बातचीत की।हमने उनसे यह जानने का प्रयास किया कि क्या वाकई में प्रदूषण की वजह से लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की आशंका बढ़ गई है?
डॉ. निरंजन नाइक ने बताया कि निस्संदेह इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि प्रदूषण की वजह से कैंसर हो सकता है, खासकर वायु प्रदूषण लोगों में कैंसर की बड़ी वजह बन सकता है।
वे बताते हैं कि वायु प्रदूषण से कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। इससे फेफड़े के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड कैंसर, स्किन कैंसर हो सकते हैं। तो वायु प्रदूषण से कैंसर के खतरे की आशंका है।
ऐसे में जब प्रदूषण अपने चरम पर है, तो हम सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉ. नाइक ने बताया, “आपको सबसे पहले प्रदूषण से खुद को बचाना होगा। मेरा सुझाव रहेगा कि आप बिजी ट्रैफिक में जाने से गुरेज करें। मैं कहूंगा कि पैदल चलने से बचें, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। ज्यादा ट्रैफिक वाले इलाके में जाने से जितना हो सके, बचें। अगर आप ड्राइव कर रहे हैं, तो अपनी गाड़ी का एयर कंडिशन चालू रखें। इस बीच, आपकी यह कोशिश रहनी चाहिए कि बाहर की हवा अंदर न आए। इसके अलावा, आप अपने घर में एयर प्यूरिफायर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आप बाहर जाते हैं, तो मास्क लगाकर चले। खासकर बाहरी वातावरण में मौजूद छोटे कण काफी खतरनाक होते हैं, जो हमारे फेफड़े में प्रवेश करके हमारी कोशिका नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, जो धूम्रपान करते हैं, बीड़ी-सिगरेट पीते हैं, उन लोगों में भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।”
उन्होंने कहा, “ऐसे प्रदूषित माहौल में अगर आप खुद को कैंसर से बचना चाहते हैं, तो पौष्टिक आहार का सेवन करें, व्यायाम करें, तनाव न लें और रात को उचित नींद लें। कम से आप छह-सात घंटे की नींद जरूर लें। इससे आप कई तरह की गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।”