आयोग के मुताबिक पीसीएस 2024 की परीक्षा की एक ही तारीख को कराई जाएगी। यह फैसला आयोग के बाहर चार दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद छात्रों के युवाओं पर विचार करने के बाद लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा 2024 के तौर-तरीकों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। आयोग जल्द ही दोनों परीक्षाओं में बदलाव के संबंध में अलग से नोटिस जारी करेगा।
इस फैसले के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, "भाजपा सरकार को जब अपनी हार सामने दिखाई दी, तो वो पीछे तो हटी, पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी मांग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है, तो दूसरी क्यों नहीं। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। जब भाजपा जाएगी, तब ‘नौकरी’ आएगी।"
वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि, "भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मानकीकरण की मांग पर योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने प्रतियोगी छात्रों का सम्मान करते हुए एक-दिन, एक-शिफ्ट में परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। सपाई गुंडों ने माहौल बिगाड़ने और राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की, परंतु खोदा पहाड़ निकली चुहिया। भाजपा सरकार राजनीति नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और छात्र हित को प्राथमिकता देती है। छात्रों का भविष्य सुरक्षित है और भाजपा सरकार का यह कदम उनके सपनों को मजबूत आधार देगा। मेरी शुभकामनाएं समस्त प्रतियोगी छात्रों के साथ वर्तमान में भी है और भविष्य में भी रहेगी।"
दरअसल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा एक ही पाली में आयोजित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में आयोग कार्यालय के बाहर लगातार चौथे दिन गुरुवार सुबह भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर छात्र नारेबाजी करते देखे गए। इस दौरान मौके पर यूपी पुलिस के जवान और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) मौजूद रहे।