भाजपा नेता ने कहा, "कन्हैया कुमार वही व्यक्ति है 'टुकड़े टुकड़े गैंग' के साथ खड़ा दिखता था। आज राजनीति में आने के बाद वह संविधान बचाने की बात कर रहे हैं। यह पूरी तरह से हास्यास्पद है। यह कांग्रेस पार्टी का घटिया स्तर दिखाता है। कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी की विचारधारा से इतना भटक चुके हैं कि अब वह व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए हैं।"
राहुल गांधी के इस बयान पर कि "संविधान की किताब खाली नहीं है", आर.पी. सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान की अनदेखी की है, खासकर जब आपातकाल के दौरान संविधान की धज्जियां उड़ाई गई थीं। अगर राहुल गांधी को संविधान के बारे में इतनी जानकारी है, तो उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके परिवार ने आपातकाल के दौरान संविधान का कितना उल्लंघन किया था।
उन्होंने सवाल किया कि राहुल गांधी की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब आपातकाल लगाया और उनके पिता ने संविधान में संशोधन कर शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया, तो क्या यह संविधान के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा थी? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी के नेताओं का संविधान की किताब से कोई लेना-देना नहीं है और इस बात का स्पष्ट उदाहरण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए की समाप्ति के बाद कांग्रेस का रुख है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी इस फैसले का विरोध किया था। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने वाल्मीकि समाज के अधिकारों पर भी हमला किया। 35ए के हटने से जो वाल्मीकि समाज को अधिकार मिले थे, कांग्रेस अब उन अधिकारों को वापस छीनने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी लाल रंग की बात करते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि लाल रंग नक्सलवाद का प्रतीक है और उनकी पार्टी का आचरण भी इसी दिशा में लगता है। उनकी पार्टी का कामकाज उग्रवादियों और नक्सलियों से मेल खाता है, यही कारण है कि वे लाल रंग की बात कर रहे हैं।"
भाजपा नेता ने संविधान का असली मूल्य बताते हुए कहा कि संविधान केवल किताब में नहीं होता, उसे समझकर उस पर अमल करना पड़ता है। संविधान का सम्मान तभी होता है जब हम उसकी मूल भावना को समझकर उस पर काम करें। राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने कभी संविधान की वास्तविक भावना को नहीं समझा है। उनका व्यवहार हमेशा संविधान के खिलाफ ही रहा है।