नरेश मीणा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राजस्थान की देवली उनियारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह इस सीट से कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने के.सी. मीणा को टिकट दे दिया। इसके बाद नरेश मीणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया, जिस वजह से कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। इससे पहले भी वह पार्टी से बगावत कर चुके हैं। मीणा को कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट का समर्थक भी बताया जाता है।
राजस्थान की देवली उनियारा विधानसभा सीट पर बुधवार को मतदान चल रहा था। इस दौरान नरेश मीणा ने कथित तौर पर एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को थप्पड़ मार दिया। मीणा ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने तीन मतदाताओं से चोरी-छिपे वोट डलवाया था। इसके अलावा ईवीएम पर उनका चुनाव चिह्न भी स्पष्ट नहीं था।
शाम होते-होते मामला काफी बढ़ गया। मीणा के समर्थकों ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और दो पुलिस वाहनों समेत एक अन्य गाड़ी और करीब 10 बाइकों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर हुए पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे। इस दौरान पुलिस ने मीणा को हिरासत में भी लिया, लेकिन उनके समर्थकों द्वारा उत्पात मचाए जाने के बाद वह मौके से फरार हो गए।
थप्पड़ कांड के बाद मीणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वह प्रशासन को चुनौती देते दिख रहे हैं। मीणा ने कहा था कि अगर प्रशासन में दम है तो वह "मुझे गिरफ्तार करके दिखा दे"। इस वीडियो के वायरल होने के बाद नरेश मीणा को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अजमेर के पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश के अनुसार, मीणा की गिरफ्तारी हो चुकी है और हिंसा वाले इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। साथ ही गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।