देवेंद्र यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “इस पार्टी (भाजपा) का रवैया दलितों और पिछड़े वर्ग के अधिकारों को नुकसान पहुंचाने वाला रहा है। खासकर, आरक्षण नीति में कटौती की कोशिशें और सरकारी ठेकेदारी व्यवस्था में दलितों का शोषण हुआ है। संविधान में जो अधिकार दलितों को दिए गए हैं, विशेष रूप से आरक्षण के रूप में, वह भी किसी न किसी रूप में प्रभावित हो रहे हैं, जिसके कारण इस पार्टी के खिलाफ कदम उठाना जरूरी लगा।”
वहीं, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिम छात्रों के साथ हो रहे भेदभाव पर कांग्रेस नेता ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति लालच या दबाव में आकर धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। लेकिन कांग्रेस पार्टी भेदभाव के किसी भी रूप को स्वीकार नहीं करती है और जो भी घटनाएं उसकी जानकारी में आएंगी, उन्हें वह प्रमुखता से उठाएगी।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली की मौजूदा सरकार से कोई भरोसा नहीं रहा है। दिल्ली की जनता ने पहले आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन दिया था, लेकिन अब दोनों प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के खेल से दिल्ली की जनता परेशान हो चुकी है। इस कारण जनता ने बदलाव की दिशा में सोच लिया है और आने वाले समय में कुछ नया बदलाव देखने को मिलेगा।”
कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कि उनका किसी भी प्रकार का गठबंधन आम आदमी पार्टी के साथ नहीं होगा। लोकसभा चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन किया था क्योंकि भाजपा की नीतियां संविधान को कमजोर करने वाली थीं और देश में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। लेकिन, दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और उसके बाद यह एहसास हुआ कि कांग्रेस अकेले बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। आम आदमी पार्टी की नीतियों और उनकी कड़ी आलोचना के कारण कांग्रेस ने फैसला किया कि वह दिल्ली और अन्य राज्यों में आगामी चुनाव अकेले ही लड़ेगी।