भाजपा नेता किरीट सोमैया ने से बात करते हुए दावा किया कि कुछ मुस्लिम समूह, खासकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उलेमा काउंसिल, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) से जुड़कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन संगठनों द्वारा मुसलमानों को भाजपा के खिलाफ लामबंद किया जा रहा है और उन्हें यह संदेश दिया जा रहा है कि जो मुसलमान भाजपा के साथ है, उनका हुक्का पानी बंद किया जाए।
सोमैया ने कहा कि महाराष्ट्र में वोट जिहाद का एक सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में कुछ उलेमा संगठनों और मुस्लिम समूहों ने राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर मुसलमानों को यह कहने के लिए प्रेरित किया कि जो भाजपा के साथ हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाए। उन्होंने खुलकर कहा कि मुस्लिम समुदाय को भाजपा के खिलाफ वोट करना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन संगठनों के काम में मनी लॉन्ड्रिंग का संदेह है और चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने महाविकास अघाड़ी द्वारा मुस्लिम आरक्षण पर दिए गए बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी से सीधे तौर पर मुसलमानों के लिए 10 फीसदी आरक्षण और अन्य गारंटियां मांगी हैं। यह कोई असली संगठन नहीं है, बल्कि एक कागजी संगठन है, जिसे राहुल गांधी ने खुद तैयार किया है। इसकी कोई वैधानिक स्थिति नहीं है और यह पूरी तरह से राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। सोमैया ने आगे कहा कि यह सब सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के तहत हो रहा है, ताकि महाविकास अघाड़ी मुस्लिम वोट बैंक को अपनी तरफ खींच सके। लेकिन, महाराष्ट्र की जनता अब जागरूक हो चुकी है और लोकसभा चुनाव में जो मुस्लिम वोट जिहाद चल रहा था, अब विधानसभा चुनाव में उसका कोई असर नहीं होने वाला है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मुसलमानों को मुख्यमंत्री बनाने की कोई तैयारी नहीं हो रही है, जैसा कि कुछ राजनीतिक विश्लेषक और मीडिया में चर्चा हो रही है। हालांकि, कुछ लोग यह सोच सकते हैं कि उद्धव ठाकरे भगवा छोड़कर मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपना रहे हैं। लेकिन, मुझे लगता है कि वह कभी मुस्लिम मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। महाविकास अघाड़ी इस तरह की राजनीति कर सकती है। लेकिन, महाराष्ट्र की जनता इस बार इसका जवाब देगी।
किरीट सोमैया ने उद्धव ठाकरे के वक्फ बिल के विरोध पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमेशा कहा है कि वह हिंदुत्व के पक्ष में हैं। लेकिन, वक्फ बिल के विरोध में उनकी जो खामोशी और कदम है, वह उनकी सच्चाई को उजागर करते हैं। यह साफ है कि उनका मुस्लिम वोट बैंक के लिए प्रेम अब सामने आ चुका है। नवाब मलिक को विवादास्पद नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका नाम कई बार दाऊद इब्राहिम और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। वह देश विरोधी गतिविधियों के साथ हैं, इसलिए उनका समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अजीत पवार ने नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया और क्या उन्हें मलिक की असलियत का पता नहीं है। मलिक को हराने का निर्णय अब महाराष्ट्र की जनता को लेना होगा।
सोमैया ने आगे यह स्पष्ट किया कि भाजपा इस बार महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को चुनौती देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हम महाराष्ट्र की जनता को सच्चाई दिखाएं और उन्हें बता सकें कि जो पार्टियां मुस्लिम वोट बैंक को अपना हथियार बना रही हैं, वह राज्य और देश की सच्ची भलाई नहीं कर सकती।