मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ द्वारा कथित तौर पर तेलुगू समुदाय को निशाना बनाकर अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित एक मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अभिनेत्री को गिरफ्तार किया गया था।
कस्तूरी को शनिवार रात एग्मोर से एक विशेष पुलिस दल ने हिरासत में लिया और सड़क मार्ग से हैदराबाद से चेन्नई ले जाया गया। अभिनेत्री को रविवार को एग्मोर में पांचवें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां मजिस्ट्रेट रघुपति राजा ने रिमांड आदेश जारी किया। बाद में उन्हें पुझल जेल भेज दिया गया।
बता दें कि ग्रेटर चेन्नई पुलिस द्वारा तैनात एक विशेष टीम ने तमिल अभिनेत्री कस्तूरी शंकर को शनिवार रात हैदराबाद के नरसिंगी स्थित एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था। साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया कि एग्मोर पुलिस स्टेशन की एक टीम 16 नवंबर को हैदराबाद पहुंची और नरसिंगी स्थित उनके फ्लैट से उन्हें गिरफ्तार किया।
अधिकारी ने कहा कि कस्तूरी पर भारतीय न्याय संहिता अधिनियम 2023 की धारा 191 और 192 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस टीम ने अभिनेत्री को गिरफ्तार कर लिया और ट्रांजिट पर चेन्नई ले जाएगी।
तमिल स्टार के खिलाफ 3 नवंबर को चेन्नई में एक सभा के दौरान तेलुगू समुदाय के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी के लिए जांच चल रही थी। कस्तूरी के खिलाफ अभद्र भाषण और तमिलनाडु में रहने वाले तेलुगू समुदाय को निशाना बनाने के आरोप हैं। हालांकि, अभिनेत्री ने इसका खंडन किया और दावा किया कि उनके बयानों को गलत ढंग से पेश किया गया है।
कस्तूरी द्वारा दायर अग्रिम जमानत को 14 नवंबर को मद्रास उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। अभिनेत्री की जमानत याचिका खारिज करने वाले न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने कहा था कि उनकी टिप्पणियां "अनुचित" थीं।
यह मामला कस्तूरी द्वारा 3 नवंबर को चेन्नई में एक ब्राह्मण सभा में की गई टिप्पणियों का परिणाम है। उन्होंने कथित तौर तमिलनाडु में रह रहे तेलुगू भाषी लोगों को "वेश्याओं का वंशज" बताया था। कस्तूरी के मुताबिक, वे 300 साल पहले राजाओं की सेवा करने आए थे और अब खुद को तमिल मूल का बताते हैं।
कस्तूरी की टिप्पणियों की व्यापक आलोचना हुई, जिसके कारण नायडू महाजन संगम राज्य कार्यकारी समिति के एक सदस्य ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
इसके जवाब में कस्तूरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में माफी मांगी और दावा किया कि "तमिलनाडु के गोएबल्स और हिंदू विरोधी द्रमुक नेटवर्क" द्वारा "झूठी खबर" फैलाई जा रही है।
उन्होंने तेलुगू समुदाय के प्रति अपने प्यार और वफादारी का भी इजहार किया और कहा "आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग कभी भी उनके झूठ में नहीं फंसेंगे।"
न्यायमूर्ति वेंकटेश ने कस्तूरी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें "तेलुगू समुदाय की महिलाओं के खिलाफ बोलने से बचना चाहिए था"। अदालत ने अभिनेत्री की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए उनकी माफी को अपर्याप्त बताया।
वहीं, कस्तूरी ने अदालत में तर्क दिया कि एफआईआर "राजनीति से प्रेरित" थी। उन्होंने दावा किया कि द्रमुक सरकार का उनके प्रति "असहिष्णु और प्रतिशोधी रवैया" था। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों ने तेलुगू समुदाय को भड़काने का काम नहीं किया है।
इस साल लोकसभा चुनावों में कस्तूरी ने भाजपा के लिए प्रचार किया था। लेकिन उनके इस बयान से पार्टी की तमिलनाडु इकाई ने किनारा कर लिया है। हालांकि, उन्होंने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उनकी टिप्पणियों की गलत व्याख्या की गई।
कस्तूरी के अनुसार, "उनकी टिप्पणी का उद्देश्य डीएमके के पाखंड और दोहरे मानदंडों को उजागर करना था न कि तेलुगू समुदाय का अपमान करना।"