इस बीच, उन्होंने लोगों का अभिवादन भी किया। महाराष्ट्र के चुनावी माहौल के बीच हारून खान के मंदिर जाने ने सूबे में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हारून खान के बारे में बताया जाता है कि वो गणपति की आरती भी करते हैं और संस्कृत के श्लोक का उच्चारण भी करते हैं।
शिवसेना (यूबीटी) ने इस बार उन्हें वर्सोवा से चुनावी मैदान में उतारा है। राजनीतिक दृष्टिकोण से वर्सोवा हाईप्रोफाइल सीट है। यहां सिर्फ मुस्लिमों को रिझाकर जीत का परचम लहरा पाना मुश्किल है।
उद्धव ठाकरे ने हारून को अपने आवास मातोश्री बुलाकर उन्हें उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। बीते दिनों ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय को टिकट देने को कहा था।
हारून खान उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं। यह उसी का फल है कि उद्धव ठाकरे ने इस बार महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में हारून खान को अपना जौहर दिखाने का मौका दिया है।
वर्सोवा में करीब 1 लाख 10 हजार मतदाता हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने एआईएमआईएम और भाजपा की रणनीति को भेदते हुए हारून खान पर दांव चला है। हारून पिछले 30 सालों से शिवसेना के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे द्वारा बगावत का बिगुल फूंके जाने के बावजूद वो उद्धव ठाकरे के साथ ही खड़े रहे।
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान है और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को होगी।