उन्होंने कहा है कि अगर सरकार बातचीत का रास्ता नहीं अपनाती है, तो जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के दस दिन बाद यानी 6 दिसंबर को हम जत्थों के साथ दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। हमारे साथ कोई भी वाहन नहीं होगा। हम जत्थों का पंजीकरण 30 नवंबर से शुरू कर देंगे। जिस दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन पर होंगे, पंजाब में भाजपा के जहां बड़े-बड़े नेता जाएंगे, तो हम उनसे सवाल करेंगे और पूछेंगे कि हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बैठे किसानों का मसला हल क्यों नहीं हो रहा है।
18 फरवरी के बाद से केंद्र सरकार से हमारी कोई बातचीत नहीं हो पाई है। अगर सरकार बातचीत कर कुछ रास्ता निकालेगी, तो यह सुखद होगा। हमें दिल्ली जाना है। हमने आंदोलन के लिए जंतर-मंतर या रामलीला मैदान मांगा है। सरकार अगर हमारी मांग मानती है, तो अच्छा होगा। हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार बात करना चाहती है, तो सीधे तौर पर वार्ता शुरू हो सकती है। किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार किसी को मध्यस्थता करने के लिए कहेगी, तो हमें आपत्ति नहीं है।
बता दें कि फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। 26 नवंबर से जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन करेंगे। 10 दिनों में सरकार बातचीत नहीं करती है, तो दिल्ली कूच किया जाएगा।