सरकार द्वारा आधिकारिक बयान में कहा गया कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 3.0 के तहत कवर किए गए 1,77,153 पेंशनभोगी 90 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जबकि 17,212 पेंशनभोगी 80-90 वर्ष के हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चेहरे की पहचान जैसी उन्नत प्रमाणीकरण विधियों के जरिए 24 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी हुए, जो कुल उत्पन्न डीएलसी का 34 प्रतिशत है।
वृद्ध पेंशनभोगियों को अपने घर से या नजदीक स्थित कार्यालयों या बैंक शाखाओं में डीएलसी जमा करने की सुविधा दी गई है।
यह अभियान करीब दो हफ्ते पहले लॉन्च किया गया था।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने इस अभियान का नेतृत्व किया है और करीब 9 लाख से ज्यादा डीएलसी अभियान शुरू होने के दूसरे हफ्ते के अंत तक जारी किए हैं। वहीं, केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने क्रमश: एक लाख और 57,000 डीएलसी जारी किए हैं।
राज्य-वार, महाराष्ट्र 10 लाख से अधिक डीएलसी तैयार करने के साथ सबसे आगे रहा है, इसके बाद तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल प्रत्येक में 6 लाख हैं। उत्तर प्रदेश ने भी 5 लाख से अधिक डीएलसी के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है।
यह अभियान 1-30 नवंबर तक 800 शहरों और कस्बों में चलाया जा रहा है और इन दौरान 1575 शिविर लगाए गए। अभियान को लागू करने में मदद के लिए देश भर में 1.8 लाख डाकिये भी तैनात किए गए हैं।
बैंकिंग संस्थानों और सरकारी एजेंसियों की भागीदारी के साथ देश भर के पेंशनभोगियों के लिए आसानी और सुविधा बढ़ाने के लिए इस अभियान को 6 नवंबर को लॉन्च किया गया था।