संथाल परगना की महेशपुर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 79.40 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले हैं। इस चरण की सर्वाधिक मतदान वाली अन्य सीटों में जामताड़ा जिले की नाला (78.75), देवघर जिले की सारठ (77.94), रांची जिले की सिल्ली (76.70), दुमका जिले की शिकारीपाड़ा (74.31) सीट शामिल हैं। सबसे कम मतदान बोकारो शहरी सीट पर 50.52 प्रतिशत और धनबाद में 52.31 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
सबसे खास बात यह रही कि झारखंड के अलग राज्य के अस्तित्व में आने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव रहा, जिसमें हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। दशकों तक नक्सल प्रभावित रहे इलाकों में बंपर वोटिंग का रिकॉर्ड बना। यह चुनाव इस मायने में भी उल्लेखनीय रहा कि महिलाओं ने सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड बनाया। पहले चरण की 43 में 37 सीटों पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा संख्या में मतदान किया था।
बुधवार को दूसरे चरण के मतदान में भी यही ट्रेंड रहा। अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीटों पर सामान्य सीटों की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ है। राज्य में दोनों चरणों को मिलाकर कुल 2 करोड़ 26 लाख से ज्यादा वोटर थे। इसके साथ ही चुनाव में उतरे कुल 1,211 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है।
इनमें बरहेट सीट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सरायकेला से पूर्व सीएम चंपई सोरेन, राजधनवार सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी, चंदनकियारी से झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, नाला सीट से विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, गांडेय सीट से झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन, सिल्ली सीट से आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो भी शामिल हैं।
दिग्गज प्रत्याशियों में हेमंत सोरेन सरकार के 11 में से दस मंत्री, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन और उनकी भाभी सीता सोरेन भी हैं।
राज्य में मात्र एक मतदान केंद्र ऐसा रहा, जहां शत-प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यह मतदान केंद्र जामताड़ा विधानसभा सीट अंतर्गत हांसीपहाड़ी स्नेहपुर में कुष्ठ पीड़ित मतदाताओं के लिए बनाया गया था। निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस मतदान केंद्र की मतदाता सूची में कुल 57 वोटर पंजीकृत हैं और सभी ने उत्साह के साथ मताधिकार का इस्तेमाल किया।
बुधवार को मतदान के दौरान ड्यूटी में पक्षपात के आरोप में झारखंड में दो पोलिंग अफसरों के खिलाफ एक्शन हुआ। इनमें पहला देवघर के पीठासीन अधिकारी हैं, जिन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया। इन्हें वोट कास्टिंग कंपार्टमेंट के निकट पाया गया।
दूसरा मधुपुर के पीठासीन अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इन्हें हिरासत में लिया गया है। इनके खिलाफ झामुमो प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने की शिकायत मिली थी।