जिया उर रहमान बर्क ने कहा, "शुरू से हम मांग कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में आयोग बनाकर इसकी जांच की जाए। सच्चाई सामने आनी चाहिए कि किस प्रकार से पुलिस प्रशासन संभल में भड़की हिंसा के जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके और पीड़ितों को इंसाफ मिल सके।"
सपा सांसद ने कहा कि पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने भी बिल्कुल सही बात कही कि जिन लोगों ने माहौल खराब किया है और जिन पर आरोप हैं, अगर वही उसकी जांच करेंगे तो इंसाफ कहां से मिलेगा। जो माहौल खराब करने के जिम्मेदार हैं, वे अब कार्रवाई के बहाने और ज्यादा उत्पीड़न करना चाहते हैं। ऐसे में वहां के अधिकारियों को जांच से तुरंत हटाना चाहिए और न्यायिक जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब से लोकसभा से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई, पहले दिन से हम इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, ताकि देश के लोग देखें कि वहां पर सच्चाई क्या है?
सपा सांसद राजीव राय ने इस मुद्दे पर कहा, "भारतीय जनता पार्टी सदन में इस मुद्दे को लेकर बोलने में क्यों डर रही है। कौन सा घिनौना चेहरा है, जिसको छिपाने की कोशिश की जा रही है। अभी सत्र चल रहा है, जहां पर प्रक्रिया के अनुसार मुद्दे पर चर्चा के लिए मांग होती है, लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है।
आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के आरोपपत्र का निचली अदालत द्वारा संज्ञान लेने को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस संबंध में सपा नेता ने कहा कि पी. चिदंबरम क्या कहते हैं, यह नहीं पता, लेकिन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लोकसभा में कहा कि हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 लोकसभा सीट जीत जाएंगे, तभी बैलट पेपर से चुनाव की मांग करेंगे।
कांग्रेस को घेरते हुए सपा नेता ने कहा, "कांग्रेस देर से सोचती है। कांग्रेस ने सही समय पर सही सोच के साथ सही निर्णय लिया होता तो मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी पार्टी की सरकार होती।