उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में सीएम पद को लेकर जारी चर्चा-परिचर्चा को लेकर कहा, “हमारे यहां लोकतांत्रिक तरीके से काम होता है। जिसमें सभी नेताओं की बात सुनी जाती है। हमारा संसदीय बोर्ड है। हम किसी भी विषय पर सामूहिक रूप से निर्णय करते हैं। इसी वजह से निर्णय लेने में देरी हो रही है, जिसका कुछ लोग मजाक बना रहे हैं। लेकिन, मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि जब उन्हें कोई फैसला लेना होता है, तो वो कैसे करते हैं।”
उन्होंने कहा, “ वहां तो एक ही आदमी को सब कुछ करना होता है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि ऐसे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम अपना निर्णय कर लेंगे, बल्कि मैं कहना चाहूंगा कि आपको इस बात को लेकर चिंता करनी चाहिए कि आपके विपक्ष का नेता कौन होगा । जनता ने आपको इतने भी विधायक नहीं दिए हैं कि आप नेता प्रतिपक्ष का चयन कर सकें, इसलिए मैं कहूंगा कि आपको किसी भी पार्टी का मजाक बनाने का कोई हक नहीं है।”
वहीं, संसद में आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था लचर हो चुकी है, लेकिन अमित शाह इस पर ध्यान देने के बजाय बैठक में शिरकत कर रहे हैं। इस विषय पर किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस संबंध में भाजपा नेता से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार कानून-व्यवस्था को ठीक करने की दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लेकिन, जो लोग वातावरण दूषित करते हैं, हिंदू-मुसलमान करते हैं, ऐसे लोगों की वजह से कानून-व्यवस्था खराब हो रही है।”
उन्होंने संभल हिंसा में सुप्रीम कोर्ट के रूख को लेकर कहा कि न्यायपालिका जो भी कहेगी, वो सर्वमान्य होगा। लेकिन, हमें यह पता करना होगा कि संभल हिंसा के पीछे क्या कारण रहे हैं।