कांग्रेस सांसद ने कहा कि संभल की शाही जामा मस्जिद में एक बार सर्वे हुआ। सब कुछ शांतिपूर्ण रहा। लेकिन, सुनियोजित तरीके से आदमी भेजे जाते हैं। नारे लगवाए जाते हैं, जब आमने-सामने आते हैं तो पुलिस द्वारा गोली चलाई जाती है। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि इस देश को मत जलाओ। नफरत से कुछ नहीं निकलने वाला है। नफरत की आग में हम सब झुलस जाएंगे।
संभल में जिस तरह की घटना हुई है। इससे एक चीज तो साफ है कि हमारी जान की कोई कीमत ही नहीं है। गोलियां चलाई जा रही थी, शरीर से गोली आर-पार हो रही है।
पत्थरबाजों को काबू करने के लिए उनके पैर में गोली मारी जा सकती थी। पुलिस लाठीचार्ज कर सकती थी। लेकिन, पुलिस ने गोली चलाई।
पुलिस द्वारा जितने भी पोस्टर जारी किए गए हैं। उनमें पत्थरबाज पत्थर लिए दिखाई दे रहे हैं। किसी के हाथ में मुझे तमंचा नहीं दिखाई दिया। तमंचे में इतनी शक्ति नहीं होती है कि उसकी गोली आर-पार हो जाए। मैंने भी शूटिंग की है और मुझे इसकी जानकारी है। संभल हिंसा में जिनके घर तबाह हो गए उनके लिए बात नहीं हो रही है। बस पत्थरबाजों पर चर्चा हो रही है। अगर पत्थरबाज हैं तो हिरासत में लो, सख्ती करनी चाहिए। यह नहीं होना चाहिए कि सीधे जान से मार देंगे। अगर अपराधियों के पैर में गोली मार रहे थे तो पत्थरबाजों के पैर में भी गोली मार देते।