यह अद्वितीय संरचना रामलला मंदिर के भव्य स्वरूप का प्रतीक बनकर उभर रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का यह रंगमंडप और अन्य संरचनाएं अद्वितीय भारतीय वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत का उत्कृष्ट उदाहरण बनेंगी। आने वाले समय में यह न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।
11 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 'प्रतिष्ठा द्वादशी' समारोह पूर्वक मनाई जाएगी। इस ऐतिहासिक अवसर की योजना बनाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति समारोह की रूपरेखा तय करने से लेकर आयोजन की हर व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
श्रीराम मंदिर परिसर के आसपास सप्तऋषि मंदिर, परकोटे के साथ बनने वाले शिव, सूर्य, मां दुर्गा, देवी अन्नपूर्णा, गणेश और हनुमानजी के मंदिरों का निर्माण भी तीव्र गति से चल रहा है। इसके अलावा परकोटे का कार्य भी प्रगति पर है, जिससे मंदिर की सुरक्षा और सौंदर्य में वृद्धि होगी।
पिछले दिनों निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने समीक्षा बैठक की थी। बैठक में तय किया गया कि निर्माण कार्य को तेज गति से पूरा करने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस निर्णय के बाद निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूरों और शिल्पकारों की संख्या में वृद्धि की गई है, जिससे निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।